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Friday, 28 October 2011

प्यार के कागज़ पे-जिगर १९९२

आपको फिल्म जिगर से एक उदास गीत सुनवाया था पहले-पंकज उधास की
आवाज़
वाला। आइये इस फिल्म से एक सुपर हिट गीत सुना जाये। जिस
गीत में ख़त-कोरियर इत्यादि का जिक्र हो वे बेहद बजा करते हैं। इसका फंडा
मुझे समझ नहीं आया आज तक। गीत फिल्माया गया है करिश्मा कपूर और
अजय देवगन पर। अभिजीत और साधना सरगम के गाये इस गीत को लिखा
है समीर ने और इसकी धुन के जिम्मेदार हैं आनंद-मिलिंद। राशन के हिसाब
वाले अंदाज़ में नायिका ख़त लिख रही है। लिखने की गति ही ऐसी है उसकी !
कलम मुंह में डालने से सबको ये सीख लेना चाहिए कि वो चूसने के काम ही
आती है। उसको चूसने से बंद दिमाग के दरवाजे खुल जाते हैं।





गीत के बोल:

प्यार के कागज़ पे दिल की कलम से
प्यार के कागज़ पे दिल की कलम से
पहली बार सलाम लिखा
पहली बार सलाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा

प्यार के कागज़ पे दिल की कलम से
प्यार के कागज़ पे दिल की कलम से
पहली बार सलाम लिखा
पहली बार सलाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा

यादों में दिन काटती थी
और ना गुजरती थी रातें
यादों में दिन काटती थी
और ना गुजरती थी रातें
कैसे भाला मैं बताऊँ
तुझको जुदाई की बातें
रंग लायी बेकरारी ऐसी
छायी थी खुमारी
मैंने सुबह को शाम लिखा
मैंने सुबह को शाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा

तेरे गुलाबी लबों से
शबनम के दाने चुराऊँ
तेरे गुलाबी लबों से
शबनम के दाने चुराऊँ
जो बात ख़त में लिखी ना
जा तुझे मैं बताऊँ
यूँ ही आहें भरते भरते
तौबा मैंने डरते डरते
उल्फत का पयाम लिखा
उल्फत का पयाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा

अच्छा नहीं यूँ तडपाना ऐसे मिटेगी ना दूरी
अच्छा नहीं यूँ तडपाना ऐसे मिटेगी ना दूरी
शेहनाई जिस दिन बजेगी हर आरजू होगी पूरी
प्यास अपनी कब बुझेगी जाने डोली कब सजेगी
रब ने क्या अंजाम लिखा
रब ने क्या अंजाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा
प्यार के कागज़ पे दिल की कलम से
प्यार के कागज़ पे दिल की कलम से
पहली बार सलाम लिखा
पहली बार सलाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा
मैंने ख़त महबूब के नाम लिखा
.................................................
Pyar ke kagaz pe-Jigar 1992

Thursday, 20 October 2011

वादा रहा सनम-खिलाडी १९९२

सन १९९२ में कुछ बढ़िया संगीतमय फ़िल्में आयीं। इनमें से एक है
खिलाड़ी श्रृंखला वाली प्रथम फिल्म-खिलाड़ी। अब खिलाडी कौन है ये
मत पूछ लीजियेगा। आपको खिलाडी श्रेणी की एक फिल्म का गीत
सुनवा चुके हैं पहले जंगल में भालू वाला । सामान्य ज्ञान वर्धन के
लिए उसे एक बार और सुन लीजिये अगर आप चाहें। खिलाड़ी फिल्म
सन ९२ की एक बड़ी हिट फिल्म है। इसमें संगीत जतिन-ललित का है।

गीत शुरू होता है इस अंदाज़ में जैसे नायक ने कोई जादुई पुडिया सुंघा
दी हो नायिका को जिससे वो १०० मीटर की दौड़ लगाने लगी।

बहरहाल खूबसूरत वादियों में सफ़ेद कपड़ों की चकाचक धुलाई के
विज्ञापन सा ये गीत सुनने में आनंद देता है।




गीत के बोल:

आ हा हा हा हा, आ हा हा हा हा
आ आ आ हा हा हा हा हा
वादा रहा सनम, होंगे जुदा ना हम
चाहे ना चाहे ज़माना
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फ़साना
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फ़साना

कैसी उदासी तेरे चेहरे पे छायी
क्या बात है जो तेरी आँख भर आई
कैसी उदासी तेरे चेहरे पे छायी
क्या बात है जो तेरी आँख भर आई
देखो तो क्या नज़ारे हैं
तुम्हारी तरह प्यारे हैं
हंसो ना मेरे लिए तुम
सभी तो ये तुम्हारे हैं ओ जाने जान
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फ़साना
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फ़साना

वादा रहा सनम, होंगे जुदा ना हम
चाहे ना चाहे ज़माना
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फ़साना
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फ़साना

इन वादियों में यूँ ही मिलते रहेंगे
दिल में वफ़ा के दिए जलते रहेंगे
इन वादियों में यूँ ही मिलते रहेंगे
दिल में वफ़ा के दिए जलते रहेंगे
यह माँगा है दुआओं में
कमी ना हो वफाओं में
रहें तेरी निगाहों में
लिखो ना ये फिजाओं में ओ साजना
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फ़साना
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फ़साना

वादा रहा सनम, होंगे जुदा ना हम
चाहे ना चाहे ज़माना
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फ़साना
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फ़साना
..............................
Wada raha sanam-Khiladi 1992

Tuesday, 18 October 2011

पायलिया हो हो हो हो-दीवाना १९९२

आपको थोड़े दिन पहले रफ़ी का गाया एक अमर गीत सुनवाया था सन १९५२ की
दीवाना से। ठीक ४० साल बाद एक और दीवाना आई जो रंगीन थी और जिसमें
संगीत नदीम श्रवण का था। ये फिल्म शाहरुख़ खान की पदार्पण फिल्म थी ,
फिल्म काफी चली जिसकी मुख्य वजह इसकी अभिनेत्री दिव्या भारती और इसके
लोकप्रिय गीत रहे। फिल्म गायक कुमार सानू के कैरियर के लिए भी काफी फायदेमंद
साबित हुयी। इस फिल्म के बाद ऋषि कपूर शायद ही किसी रोमांटिक भूमिका में
दिखाई दिए हों। हिंदी फिल्मों की फिलासफी ऐसी है कि उसमें नायक कभी बूढा
नहीं होता। इस गीत में भी नायक अपने से आधी उम्र की नायिका से साथ ठुमके
लगा रहा है। यही वो बातें हैं जो दर्शक बिना हाजमोला के ख़ुशी ख़ुशी पचा जाता है।

गीतकार आनंद बख्शी द्वारा रिक्त किये गए स्थान को शायद अगली पीढ़ी से अनजान पुत्र
समीर ने ही भरा । ९० के दशक में उन्होंने भी गाने कि फैक्ट्री माफिक काफी गीत लिखे
हिंदी फिल्मों के लिए। उनके लिखे काफी गीत चर्चित रहे और हिट हुए।



गीत के बोल:

पायलिया, हो हो हो हो,
पायलिया, हो हो हो हो

जिंद माहिया, जिंद माहिया
जाना मैं जाना तेरे साथ वे
जिंद माहिया, जिंद माहिया
हाथों में ले ले मेरा हाथ वे
जिंद माहिया, जिंद माहिया
जाना मैं जाना तेरे साथ वे
जिंद माहिया, जिंद माहिया
हाथों में ले ले मेरा हाथ वे

पायलिया, हो हो हो हो, पायलिया, हो हो हो हो
तेरी पायलिया शोर मचाये, नींद चुराए
होश उडाये, मुझको पास बुलाये, ओ रब्बा हो

पायलिया, हो हो हो हो, पायलिया, हो हो हो हो
पायलिया गीत सुनाये, सरगम गाये
प्रीत जगाये, तुझको पास बुलाये, रब्बा हो

पायलिया, हो हो हो हो
पायलिया, हो हो हो हो

आँखों में तेरे सपने, होंठों पे तेरी बात
ये दिन तो कट जाता है, गुज़रती नहीं रात
आँखों में तेरे सपने, होंठों पे तेरी बात
ये दिन तो कट जाता है, गुज़रती नहीं रात

हाय कैसे मैं सुनाऊँ जिया का तुझको हाल
के याद नहीं मुझको महीना दिन साल

साँसों से बांधे साँसों का बंधन
तेरी पायल गोरी मेरे दिल की धड़कन

पायलिया, हो हो हो हो,
पायलिया, हो हो हो हो
पायलिया गीत सुनाये, सरगम गाये
प्रीत जगाये, तुझको पास बुलाये, रब्बा हो

तेरी पायलिया शोर मचाये, नींद चुराए
होश उडाये, मुझको पास बुलाये, रब्बा हो

मेरी पायल पे लिखा है दीवाने तेरा नाम
बाहों में तेरी बीते अब मेरे सुबह-ओ-शाम
मेरी पायल पे लिखा है दीवाने तेरा नाम
बाहों में तेरी बीते अब मेरे सुबह-ओ-शाम

जी मेरा कहता है मैं पायल बन जाऊं
इन गोरे गोरे पैरों की रंगत चुराऊँ

ऐसी बातों से मुझको डर लागे
नाज़ुक होते है चाहत के धागे

पायलिया, हो हो हो हो,
पायलिया, हो हो हो हो
तेरी पायलिया शोर मचाये, नींद चुराए
होश उडाये, मुझको पास बुलाये, ओ रब्बा हो

पायलिया गीत सुनाये, सरगम गाये
प्रीत जगाये, तुझको पास बुलाये, रब्बा हो

पायलिया, हो हो हो हो
पायलिया, हो हो हो हो

जिंद माहिया, जिंद माहिया
जाना मैं जाना तेरे साथ वे
जिंद माहिया, जिंद माहिया
हाथों में ले ले मेरा हाथ वे
जिंद माहिया, जिंद माहिया
जाना मैं जाना तेरे साथ वे
जिंद माहिया, जिंद माहिया
हाथों में ले ले मेरा हाथ वे

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

जिंद माहिया, जिंद माहिया
जाना मैं जाना तेरे साथ वे
जिंद माहिया, जिंद माहिया
हाथों में ले ले मेरा हाथ वे
..........................................
Payaliya ho ho ho-Deewana 1992

Saturday, 6 August 2011

सोचा तुम्हें खत लिखूं-सातवां आसमान १९९२

आपको फिल्म सातवां आसमान का एक मधुर युगल गीत सुनवाया था
इधर। अब सुनिए एक और युगल गीत जिसे गा रहे हैं प्रीती और उदित
नारायण। कुछ बात चीत वाले अंदाज़ में गीत चलता है। अल्हड और
अपरिपक्व प्रेम परिपक्वता की ओर बढ़ रहा है। वही हाल एक्टिंग का भी
है। एक्टिंग पर ज्यादा गौर न करें। न तो विवेक मुश्रान ने और न ही पूजा
भट्ट ने, झंडे गाडे हैं अभिनय के। गीत खत्म होने के बाद एक और गीत
शुरू हो जाता है जिसके बोल फिर कभी......




गीत के बोल:


सोचा तुम्हें खत लिखूं
पर मन ही मन मैं डरती हूँ
तुम खत को पढ़ ना पाओगे
इस खत को फाड़ डालोगे

सोचा तुम्हें खत लिखूं
पर मन ही मन मैं डरता हूँ

रूठूंगी मैं तुम मनाओगे
रूठोगे तुम मैं मनाऊंगी
उम्र जो थोड़ी सी बाकी है
आंसुओं में बीत जाएगी
इतनी फुरसत तो ऐ मेरी जां
जान देकर भी न पाऊंगी
सोचा तुमसे आ कर मिलूं
पर मन ही मन मैं डरती हूँ

सोचा टेलीफोन करूं
पर मन ही मन मैं डरता हूँ
मेरी आवाज़ को सुन कर
हेलो तुम कह न पाओगी
सोचा टेलीफोन करूं
पर मन ही मन मैं डरता हूँ

पहले मैं मरने से डरता था
तुमने जीना मुझको सिखलाया
तुम आईं तो सूने जीवन में
जैसे कोई चाँद निकल आया
हाय ये खिलता पागलपन
हर खुशी को मैने ठुकराया
सोचा तुमसे आ कर मिलूं
पर मन ही मन मैं डरता हूँ

सोचा तुम्हें खत लिखूं
पर मन ही मन मैं डरती हूँ
तुम खत को पढ़ ना पाओगे
इस खत को फाड़ डालोगे

सोचा तुम्हें फोन करूं
पर मन ही मन मैं डरता हूँ
......................................
Socha tumhen khat likhhon-Saatwan Aasman 1992

Wednesday, 27 July 2011

फ़िल्मी बरसात ८ -मौसम प्यारा भीगा भीगा-दुश्मन ज़माना १९९२

बारिश का मौसम है, एक और गीत सुना जाए। फिल्म दुश्मन ज़माना
से ये गीत लिया गया है। गीत गाया है अलका याग्निक और कुमार सानू
ने। अलका याग्निक की तबियत ठीक नहीं रही होगी जब गीत रेकोर्ड
किया जा रहा था या फिर संगीत निर्देशक ने ही उनको थके थके से अंदाज़
में गाने के लिए कहा होगा। लाल टी शर्ट में नायक घर के नौकर जैसा और
नायिका घर के मालिक की बेटी जैसी दिखाई दे रही है। कितने भी तडकाऊ
भडकाऊ गीत हमारे यहाँ बन जाएँ मगर वे सब होलिवुड से दो कदम पीछे
ही रहेंगे ।



गीत के बोल:


मौसम प्यारा भीगा भीगा
मौसम प्यारा भीगा भीगा
तन मन में आग लगाने लगा
बहकने लगे कदम अब तो, हाँ
बहकने लगे कदम अब तो
एक नशा सा छाने लगा

हो ओ ओ ओ ओ
मौसम प्यारा भीगा भीगा
मौसम प्यारा भीगा भीगा
तन मन में आग लगाने लगा
बहकने लगे कदम अब तो, हाँ
बहकने लगे कदम अब तो
एक नशा सा छाने लगा
हो ओ ओ ओ, हो ओ ओ

मौसम प्यारा भीगा भीगा
तन मन में आग लगाने लगा

साँसों में घोल दे
साँसों की मस्तियाँ
न फासले रहें तेरे मेरे दरमियाँ
बिजली से डर के मैं तुमसे लिपट गयी
फिर शर्म आई तो खुद में सिमट गयी

रिमझिम पानी धीरे धीरे
रिमझिम पानी धीरे धीरे
नस नस में शोले जगाने लगा

हो ओ ओ ओ ओ
मौसम प्यारा भीगा भीगा
तन मन में आग लगाने लगा
बहकने लगे कदम अब तो, हाँ
बहकने लगे कदम अब तो
एक नशा सा छाने लगा
हो ओ ओ ओ, हो ओ ओ

मौसम प्यारा भीगा भीगा
तन मन में आग लगाने लगा

क्या घिर के आई है घनघोर ये घटा
हर बूँद में सजन है प्यार का नशा
हो ओ ओ
तेरी निगाहों की मस्ती पे दिलरुबा
पी के बरस गयी मदहोश ये अदा
बैरी सावन यूँ जाने जान
बैरी सावन यूँ जाने जान
अंग अंग में दर्द जगाने लगा
हो ओ ओ ओ ओ ओ

मौसम प्यारा भीगा भीगा
मौसम प्यारा भीगा भीगा
तन मन में आग लगाने लगा
बहकने लगे कदम अब तो, हाँ
बहकने लगे कदम अब तो
एक नशा सा छाने लगा
हो ओ ओ ओ ओ

मौसम प्यारा भीगा भीगा
मौसम प्यारा भीगा भीगा
तन मन में आग लगाने लगा
बहकने लगे कदम अब तो, हाँ
बहकने लगे कदम अब तो
एक नशा सा छाने लगा
हो ओ ओ ओ, हो ओ ओ

मौसम प्यारा भीगा भीगा
तन मन में आग लगाने लगा
.................................
Mausam pyara bheega bheega-Dushman Zamana 1992

Tuesday, 26 July 2011

आ के तेरी बाहों में-वंश १९९२

सन १९९२ से अगला मधुर गीत पेश है फिल्म वंश का। इसे गाया
है लता मंगेशकर और एस. पी. बालसुब्रमण्यम ने। बोल समीर के हैं
और संगीत आनंद मिलिंद का। इसका फिल्मांकन भी लुभावना है।
समीर के बोल भी लाजवाब हैं-'बाँहों में धंस लेने दे'! और
तो और गीत में दिखने वाली बकरियां भी सुन्दर हैं। किसी ने कमेन्ट
में लिखा है कि ये गीत राग पूरिया धनश्री पर आधारित है। मान लेते हैं
जब तक कोई शास्त्रीय संगीत प्रेमी टीका टिपण्णी न करे।

फिल्म एक प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय फिल्म का रिमेक है और इसके गीतों
की धुनें भी उक्त फिल्म से इलयाराजा की धुनों की रीसाइकलिंग है।



गीत के बोल:


आ के तेरी बाहों में हर शाम लगे सिन्दूरी
आ के तेरी बाहों में हर शाम लगे सिन्दूरी
मेरे मन को महकाए
मेरे मन को महकाए तेरे मन की कस्तूरी

आ के तेरी बाहों में हर शाम लगे सिन्दूरी
आ के तेरी बाहों में हर शाम लगे सिन्दूरी
मेरे मन को महकाए
मेरे मन को महकाए तेरे मन की कस्तूरी

आ के तेरी बाहों में हर शाम लगे सिन्दूरी
हो ओ, आ के तेरी बाहों में हर शाम लगे सिन्दूरी

महकी हवायें उड़ता आंचल
लट घुंघराले काले बादल
हाँ हाँ हाँ हाँ
महकी हवायें उड़ता आंचल
लट घुंघराले काले बादल
प्रेम सुधा नैनों से बरसे
पी लेने को जीवन तरसे
बाहों में धंस लेने दे
प्रीत के चुम्बन देने दे
बाहों में धंस लेने दे
प्रीत के चुम्बन देने दे
इन अधरों से छलक न जाये
इन अधरों से छलक न जाये
यौवन रस अन्गूरी

आ के तेरी बाहों में हर शाम लगे सिन्दूरी
आ के तेरी बाहों में हर शाम लगे सिन्दूरी

सुंदरता का बहता सागर
तेरे लिये है रूप के बादल
सुंदरता का बहता सागर
तेरे लिये है रूप के बादल
इन्द्रधनुश के रंग चुराऊँ
तेरी ज़ुल्मी माँग सजाऊँ
दो फूलों के खिलने का
वक़्त यही है मिलने का
दो फूलों के खिलने का
वक़्त यही है मिलने का
आ जा मिल के आज मिटा दें
आ जा मिल के आज मिटा दें
थोड़ी सी ये दूरी

आ के तेरी बाहों में हर शाम लगे सिन्दूरी
आ के तेरी बाहों में हर शाम लगे सिन्दूरी
मेरे मन को महकाए
मेरे मन को महकाए तेरे मन की कस्तूरी

आ के तेरी बाहों में हर शाम लगे सिन्दूरी
...................................
Aa ke teri bahon mein-Vansh 1992

Monday, 25 July 2011

कल मैने खुली आँख से इक-जीना मरना तेरे संग १९९२

गीत क्यूँ सुने जाते हैं ? ये विचार कई बार दिमाग में कौंधता है.
इसका जवाब सही सटीक अभी तक नहीं मिल पाया, हाँ, कारण बहुत
से आपको गिनवा दिए जायेंगे. शायद सामान्य बोलचाल से हट कर जो
कुछ होता है उसकी तरफ दिमाग आकर्षित होता है. सामान्य से हटकर
शोरगुल भी होता है जिसकी तरफ न चाहते हुए भी ध्यान चला जाता है.

गीत मनोरंजन का जरिया तो हैं ही. आइये इसी बात पर एक गीत सुन
लिया जाए फिल्म जीना मरना तेरे संग से जिसमें खुली आँख सीक सपना
देखा जा रहा है. सपना लिखा है समीर ने और उसमें ध्वनियों के बल दिए
हैं अभिजीत और अनुराधा पौडवाल ने संगीतकार दिलीप सेन समीर सेन के
निर्देशन पर.





कल मैने खुली आँख से इक सपना देखा
भोला प्यारा चाँद सा एक मुखड़ा देखा
है वो लाखों में एक हसीना दिल मेरा जिसने है छीना
कहते हैं सब उसको प्यार से आशा
आशा आई लव यू

मैने भी इक प्यारा प्यारा सपना देखा
पर सपने में अलबेला एक लड़का देखा
जादू किया है उसने दिल छीन लिया है उसने
कहते हैं सब उसको प्यार से जानम
जानम आई लव यू

इस दिल की तुम धड़कन हो धड़कन में छुपा प्यार हो
इक अरमान हो मेरे दिल की आस हो मेरी साँसों की झंकार हो
इस दिल की तुम चाहत हो चाहत में छुपा राज़ हो
सरगम हो तुम मेरी इक नगमा हो तुम मेरे दिल की आवाज़ हो
जानम आई लव यू

प्यारा समां ये दिल है जवां आज चुप हैं ज़मीं आसमां
नज़रें जो मिलीं ये कलियां खिलीं बन गई इक नई दास्तां
हो, ये मस्तियां यारा ये शोखियां मुझे लगने लगी हैं
अब तुम जो मिले मुझे ऐसा लगा जैसे बहार आ गई
आशा आई लव यू
...................................
Kal maine khuli ankh se-Jeena marna tere sang 1992

Thursday, 21 July 2011

मोहब्बत की किताबों में- दुश्मन ज़माना १९९२

मोहब्बत की किताबों में ये बात लिखी है -इसको ऐसे गाया जा रहा है
जैसे कोई वाकई किताब का कोई चैप्टर पढ़ कर गा रहा हो। नायक की
एक्टिंग भी माशाअल्लाह ही है। नायक प्यानो से कुश्ती लड़ने के बाद
कसरती अंदाज़ में डांस कर रहा है। कितना फर्क आया है पहले के और
आज के प्यानो वाले गीतों में।

अरमान कोहली और दिव्या भारती इसमें नायक नायिका हैं। फिल्म का
नाम है दुश्मन ज़माना। गीत लिखा है अनवर सागर ने और संगीत तैयार
किया है महेश-किशोर ने। जब फ़िल्में नहीं चलती तब निर्माता यही सोचता
होगा 'दुश्मन दर्शक' ।




मोहब्बत की किताबों में ये बात लिखी है
आशिकों के आगे ये सारी दुनिया झुकी है

मोहब्बत की किताबों में ये बात लिखी है

हर इम्तिहान से आशिक हंस के गुज़रते हैं
कब दुनिया के सितम की परवाह करते हैं
हर इम्तिहान से आशिक हंस के गुज़रते हैं
कब दुनिया के सितम की परवाह करते हैं
मिटने से मोहब्बत हरगिज़ नहीं मिटी है

मोहब्बत की किताबों में ये बात लिखी है
आशिकों के आगे ये सारी दुनिया झुकी है

मोहब्बत की किताबों में ये बात लिखी है

जो प्यार इस जहाँ में करते हैं किसी से
जान लुटा देते हैं चाहत में ख़ुशी से
सच्ची वफ़ा हंस के शोलों पे चली है

मोहब्बत की किताबों में ये बात लिखी है
आशिकों के आगे ये सारी दुनिया झुकी है

मोहब्बत की किताबों में ये बात लिखी है
मोहब्बत की किताबों में ये बात लिखी है
........................................
Mohabbat ki kitabon mein-Dushman Zamana 1992

Sunday, 17 July 2011

चाहा है तुझे चाहेंगे-जीना मरना तेरे संग १९९२

वर्ष वही रखते हैं- १९९२ लेकिन गायक गायिका, संगीतकार बदल देते हैं.
नायक नायिका भी बदल गए हैं इस गीत में. इसमें भी संगीतकार जोड़ी है
मगर अलग.

गीत है फिल्म 'जीना मरना तेरे संग' से जो फिल्माया गया है संजय दत्त और
रवीना टंडन पर. गीत लिखा है समीर ने और धुन बनाई है संगीतकार जोड़ी
दिलीप सेन-समीर सेन ने. इसे गा रहे हैं कुमार सानू और अनुराधा पौडवाल.
गीत मधुर है और थोड़ी तेज गति वाला है मगर इसे आप गुनगुना सकते हैं.




गीत के बोल:

चाहा है तुझे चाहेंगे
साँसों में बस जायेंगे
तुझे अपना खुदा हम बनायेंगे
अब दिलवर यार तुझसे हो के जुदा
एक पल भी न हम जी पाएंगे

चाहा है तुझे चाहेंगे
साँसों में बस जायेंगे
तुम्हें अपना खुदा हम बनायेंगे
अब दिलवर यार तुझसे हो के जुदा
एक पल भी न हम जी पाएंगे

चाहा है तुझे चाहेंगे
साँसों में बस जायेंगे

सा रे ग सा सा सा, नि सा रे नि नि नि
ध नि सा ध ध ध,ध रे नि ध
सा रे ग सा सा सा, नि सा रे नि नि नि
ध नि ध नि सा रे सा रे रे ग माँ ग रे सा

बदलेंगे लोग रुत बदलेगी बदलेगा ये ज़माना
दुनिया न भूल पायेगी ये तेरा मेरा फ़साना
हो, नज़रों के सामने रहना कभी मुझसे न दूर जाना
रब को भुलाना आसान है मुश्किल है तुम्हें भुलाना
तेरे लिए ओ मेरे सनम हम लेंगे सौ सौ जनम
हो, तेरे लिए ओ मेरे सनम हम लेंगे सौ सौ जनम
सदियों तलाक हवाओं में गूंजेगा यही तराना
अब दिलवर यार तुझसे हो के जुदा
एक पल भी न हम जी पाएंगे

चाहा है चाहा है तुझे चाहेंगे, चाहेंगे
साँसों में बस जायेंगे, बस जायेंगे

खुशियाँ सभी ज़माने की मैं तुमपे सनम लुटा दूं
तेरे लिए ऐ जान-ए-वफ़ा मैं दोनों जहाँ भुला दूं
महकी हुई बहारों को जुल्फों में तेरी सजा दूं
कांटे चुभे न पांव में राहों में फूल बिछा दूं
आएगा कोई भी गम तोड़ेंगे न ये कसम
आएगा कोई भी गम तोड़ेंगे न ये कसम
आ दिल के आईने में तुझे तेरी तस्वीर दिखा दूं
अब दिलवर यार तुझसे हो के जुदा
एक पल भी न हम जी पाएंगे

चाहा है चाहा है तुझे चाहेंगे, चाहेंगे
साँसों में साँसों में बस जायेंगे, बस जायेंगे
.........................................
Chaha hai tujhe chahenge-Jeena Marna Tere Sang 1992

मेरे सनम........मोहब्बत बढती जायेगी-दीदार १९९२

अगर सब चीज़ें एक सरीखी हों तो मेरा भी पोस्ट लिखने का समय बचे.
आपको एक गीत सुनवाते हैं जो पिछले गीत से मिलता जुलता सा है.
वर्ष भी वही है-१९९२ लेकिन फिल्म का नाम है दीदार. नायिका वही हैं
करिश्मा कपूर लेकिन नायक बदल गए हैं-अब हैं अक्षय कुमार. गायक
भी बदल गए हैं-इस गीत में हैं उदित नारायण. गायिका वही हैं -
साधना सरगम. बाकी के विवरण में कोई तबदीली नहीं है. इस गीत के
गीतकार संगीतकार वही हैं फिल्म जिगर के गीत वाले.

ऐसे गीतों से हमें संगीतकार को पहचानने में बहुत मदद मिलती है.
गीत में नायक के बाल ज्यादा घने लग रहे हैं नायिका के बालों से.
आंवला केश तेल बनाने वालों की नज़र शायद नहीं पड़ी होगी उस समय
के अक्षय कुमार पर अन्यथा अक्षय को साइड इनकम का एक जरिया और
मिल जाता.



गीत के बोल:

मेरे सनम यूँ ही अगर मिलते रहेंगे हम
मेरे सनम यूँ ही अगर मिलते रहेंगे हम
दिन-ब-दिन, दिन-ब-दिन
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी

मोहब्बत बढती जायेगी
ये चाहत रंग लाएगी
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी

मेरे सनम यूँ ही अगर मिलते रहेंगे हम
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी

हम निभाएंगे प्यार की रस्में
हम न भूलेंगे प्यार की कसमें
हम निभाएंगे प्यार की रस्में
हम न भूलेंगे प्यार की कसमें
हम न भूलेंगे प्यार की कसमें
डोर धडकनों की अब न टूट पायेगी

दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी

इश्क किया है इश्क करेंगे
साथ जियेंगे साथ मरेंगे
इश्क किया है इश्क करेंगे
साथ जियेंगे साथ मरेंगे
साथ जियेंगे साथ मरेंगे
मेरी बाहों में सदा तू मुस्कुराएगी

दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी
मोहब्बत बढती जायेगी
ये चाहत रंग लाएगी
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी
दिन-ब-दिन मोहब्बत बढती जायेगी
..................................
Mere sanam...din-ba-din mohabbat-Deedar 1992

लोग बरसों जुदा हो के जीते हैं-जिगर १९९२

एक गीत आपको सुनवाते हैं जिसको कोई सुबह से ढूंढ रहा है नेट पर.
ये है पंकज उधास और साधना सरगम की आवाज़ में फिल्म जिगर से.
अजय देवगन और करिश्मा कपूर अभिनीत इस फिल्म ने अच्छा व्यवसाय
किया था. किसी ने मुझसे दो दिन पहले पूछा था आपके ब्लॉग पर सन
१९९२ के बहुत से गीत हैं, क्या वजह है ? मैंने भी उनके पूछने के बाद
ही आंकड़ा देखा. उनका उत्तर मैं यहाँ दे रहा हूँ -ये महज संयोग हो सकता
है. वैसे आंकड़ों के मुताबिक ज्यादा गीत सन १९९३ से हैं.

फिल्म जिगर के इस गीत को लिखा है समीर ने और धुन के जिम्मेदार हैं
आनंद मिलिंद.

गीत के पहले ही फ्रेम से "फेविकोल का मजबूत जोड़ है नहीं टूटेगा" वाले
अंदाज़ में नायक नायिका चिपके हुए हैं.



गीत के बोल:

लोग बरसों जुदा हो के जीते हैं
लोग बरसों जुदा हो के जीते हैं
मगर अपना तो ये हाल है
ये हाल है ये हाल है के
एक पल, एक दिन जी सकेंगे न हम
एक दूजे के बिन
एक दिन जी सकेंगे न हम
एक दूजे के बिन

लोग बरसों जुदा हो के जीते हैं
लोग बरसों जुदा हो के जीते हैं
मगर अपना तो ये हाल है
ये हाल है ये हाल है के
एक पल, एक दिन जी सकेंगे न हम
एक दूजे के बिन
एक दिन जी सकेंगे न हम
एक दूजे के बिन

हम दीवाने हैं इश्क करते हैं
बेकरारी में जीते मरते हैं
हम दीवाने हैं इश्क करते हैं
बेकरारी में जीते मरते हैं
क्या हसीं दिलनशीं अब ये आलम लगे
प्यार के वास्ते ये जिन्दी कम लगे
प्यार के वास्ते ये जिन्दी कम लगे
अश्क दर्द-इ-जुदाई का पीते हैं

लोग बरसों जुदा हो के जीते हैं
लोग बरसों जुदा हो के जीते हैं
मगर अपना तो ये हाल है
ये हाल है ये हाल है के
एक पल, एक दिन जी सकेंगे न हम
एक दूजे के बिन
एक दिन जी सकेंगे न हम
एक दूजे के बिन

इस से ज़माने को हम भुलायेंगे
दिल के दरिया में डूब जायेंगे
इस से ज़माने को हम भुलायेंगे
दिल के दरिया में डूब जायेंगे
हम मिले गुल खिले आशियाना बना
दोस्ती का नायक एक फ़साना बना
दोस्ती का नायक एक फ़साना बना
ज़ख़्मी दिल को ज़फाओं से सीते हैं

लोग बरसों जुदा हो के जीते हैं
लोग बरसों जुदा हो के जीते हैं
मगर अपना तो ये हाल है
ये हाल है ये हाल है के
एक पल, एक दिन जी सकेंगे न हम
एक दूजे के बिन
एक दिन जी सकेंगे न हम
एक दूजे के बिन
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Log barson juda ho ke jeete hain-Jigar 1992

Friday, 15 July 2011

गुलाई गुलाई गो 1 -इसी का नाम जिंदगी १९९२

वाह वाह क्या बात है, समुद्र किनारे पे फैशन शो हो रहा है. इसके
बाद ये क्या होने लगा ?

आपको अब रंगीन युग से एक गीत सुनवाते हैं इसकी ध्वनियाँ
आपके कान में अवश्य एक न एक बार पड़ी होंगी. इसको आप
डिस्को-आदिवासी नृत्य कह सकते हैं . सुदूर गांव के आदिवासी
एकदम से पढ़ लिख कर, किसी शौपिंग मॉल में घुस कर कपडे
पहन कर, कोई हिंदी फिल्म देख कर, ठंडा-वंडा पी कर यकायक
नाचने लगें तो कैसे लगेंगे इस गीत में देखिये .


नृत्य की ऐसी संकर किस्में आपको हिंदी फिल्मों के अलावा कहाँ
देखने को मिलेंगी भला ? आमिर खान, फरहा और बहुत सारे
सहायक कलाकारों पर इसे फिल्माया गया है. स्वयं संगीतकार
बप्पी लाहिरी इसे गा रहे हैं और उनके साथ गा रही हैं गायिका-
अलका याग्निक. अजीब से कपडे पहने नायक नायिका जिस
संगीतमय कसरत को कर रहे हैं उसमें दिमाग खपाने के बजाये
उसका आनंद लेने कि ज़रूरत है.




गीत के बोल:

गुलाई गुलाई गो,
हाँ गुलाई गो

गुलाई गुलाई गो,
हाँ गुलाई गो
मिले कोई अनजाना
जो लागे जाना पहचाना
तो दिल कहे इसको अपना बनाना
चाहे खुद लुट जाना

गुलाई गुलाई गो, हा हा
हाँ गुलाई गो , हा हा
अरे गुलाई गुलाई गो
हाँ गुलाई गो
मिले कोई अनजाना
जो लागे जाना पहचाना
तो दिल कहे इसको अपना बनाना
चाहे खुद लुट जाना

गुलाई गुलाई गो
हाँ गुलाई गो
अरे गुलाई गुलाई गो
हाँ गुलाई गो

यार गारा दिलदार हो
खुल्लम खुल्ला प्यार हो
यार गारा दिलदार हो
खुल्लम खुल्ला प्यार हो
नज़रों में खेल हुआ
दिलों का मेल हुआ
बाहों में आ जाना
गो गो गो गो गो गो गो
गो गो गो गो गो गो गो
गुलाई गुलाई
गो गो गो गो गो गो गो
गो गो गो गो गो गो गो
गुलाई गुलाई

सच्चा प्यार जो करता है
वो न किसी से डरता है
सच्चा प्यार जो करता है
वो न किसी से डरता है
चाहे कोई रोके टोके, हो हो

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Gulai gulai go-Isi ka naam zindagi 1992

Tuesday, 5 July 2011

तुम जैसी कोई सुन्दर -इसी का नाम ज़िन्दगी १९९२

आमिर खान और फरहा की जोड़ी वाली फिल्म। इस गीत में
अमित कुमार और अलका याग्निक की आवाजें हैं। बप्पी लहरी
का संगीत है और फिल्म का नाम है-इसी का नाम ज़िन्दगी। इस
फिल्म के कुछ गीत बहुत बजे थे, आगे सुनवायेंगे आपको।

फिलहाल इस छेड़ छाड़ वाले गीत का आनंद उठाइए। गीत लिखा
है रमेश पन्त ने।




गीत के बोल:

अरे दिल की रानी
अरे जा जा छैला जा जा
तुम जैसी कोई सुन्दर इस दुनिया में ना होगी
तुम जैसी कोई सुन्दर इस दुनिया में ना होगी
मैं तुमसे अगर दिल मांगूं
तो दोगी या ना दोगी ?
तुम जैसी कोई सुन्दर इस दुनिया में ना होगी
मैं तुमसे अगर दिल मांगूं
तो दोगी या ना दोगी ?
बोलो दोगी या ना दोगी ?
हो बोलो दोगी या ना दोगी ?
बोला ना नहीं दूँगी

जबसे मैंने तुमको देखा
रूप के आगे माथा टेका
जबसे मैंने तुमको देखा
रूप के आगे माथा टेका

जबसे मैंने तुमको देखा
रूप के आगे माथा टेका
जबसे मैंने तुमको देखा
रूप के आगे माथा टेका

दीवाना कब हुआ तुम्हारा
मैंने ना जाना
चाहे जैसे भी हो तुमको
ये है समझाना
क्या ?
इस जीवन में दो तुम
मेरे बच्चे जां कब दोगी
मैं तुमसे अगर दिल मांगूं
तो दोगी या ना दोगी ?
बोलो दोगी या ना दोगी ?
हो बोलो दोगी दोगी या ना दोगी ?

कहा ना नहीं दूँगी

अगर कहीं तुम मेरी हुई ना
मुश्किल होगा मेरा जीना
अगर कहीं तुम मेरी हुई ना
मुश्किल होगा मेरा जीना

अगर कहीं तुम मेरी हुई ना
मुश्किल होगा मेरा जीना
अगर कहीं तुम मेरी हुई ना
मुश्किल होगा मेरा जीना

और किसी को तुमने चाह
ऐसा कभी ना हो
हाल मेरा क्या होगा वरना
तुम ये भी सुन लो

क्या करोगे

या पागल हो जाऊँगा
या बन जाऊँगा जोगी
मैं तुमसे अगर दिल मांगूं
तो दोगी या ना दोगी ?
बोलो दोगी या ना दोगी ?
हो बोलो दोगी दोगी या ना दोगी ?

कभी नहीं दूँगी

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Tum jaisi koi sundar-Isi ka naam zindagi 1992

Sunday, 5 June 2011

तू मेरे साथ साथ चल-राजू बन गया जेंटलमैन १९९२

लम्बे नाम वाली फिल्म-राजू बन गया जेंटलमैन से तीसरा गीत सुनिए.
अलका याग्निक और कुमार सानू की आवाजें फिट की गई हैं अमृता सिंह
और शाहरुख़ खान पर। गरीब मगर महत्वकांक्षी नायक को कृतिम
चमक दमक वाली दुनिया में आने का न्योता दिया जा रहा है गीत के
ज़रिये। गीत कर्णप्रिय है। पीने के बाद आदमी की दबी इच्छाएं बाहर आ
जाती हैं चाहे वो उछलने या कूदने की ही क्यूँ ना हों , फिल्म का चरित्र
यही बताने की कोशिश कर रहा है। निर्देशक अज़ीज़ मिर्ज़ा का सेंस ऑफ़
ह्यूमर ज़बरदस्त है।

अमृता सिंह इस फिल्म तक काफी मंज चुकीं थीं अभिनय में। इस फिल्म
में उनका किरदार ज्यादा बड़ा नहीं है मगर उल्लेखनीय अवश्य है। उनके
किरदार का नाम सपना है और वे नायक को महत्वकांक्षी सपने देखने के
लिए प्रेरित करती हैं।

गीत का फिल्मांकन बढ़िया है और इस फिल्म के सिनेमाटोग्राफर मतलब
छायाकार बिनोद प्रधान हैं। शोले फेम जी पी सिप्पी इसके निर्माता हैं। प्रस्तुत
गीत महेंद्र देहलवी का लिखा हुआ है जिन्होंने पुराने गीतकारों की याद ताज़ा
करवा दी।



गीत के बोल:

तू मेरे साथ साथ आसमान से आगे चल
तुझे पुकारता है तेरा आने वाला कल
तू मेरे साथ साथ आसमान से आगे चल
तुझे पुकारता है तेरा आने वाला कल
नई है मंजिलें नए हैं रास्ते
नया नया सफ़र है तेरे वास्ते
नई नई है ज़िन्दगी

तू मेरे साथ साथ आसमान से आगे चल
तुझे पुकारता है तेरा आने वाला कल
नई है मंजिलें नए हैं रास्ते
नया नया सफ़र है तेरे वास्ते
नई नई है ज़िन्दगी

हुस्न है शाम है
उठा ले जाम तू ख़ुशी का
वक़्त है यह तेरा
मन ले जसं ज़िन्दगी का
ये शाम आज की तेरे ही नाम है
तेरे नसीब भी तेरा गुलाम है
क्या हसीं ये मुकाम है

तू मेरे साथ साथ आसमान से आगे चल
तुझे पुकारता है तेरा आने वाला कल
नई है मंजिलें नए हैं रास्ते
नया नया सफ़र है तेरे वास्ते
नई नई है ज़िन्दगी

हुस्न से भी हस्सें
है ख्वाब मेरी ज़िन्दगी के
इस ख़ुशी से परे
हैं मोड़ और भी ख़ुशी के
मैन देखता नहीं कभी इधर उधार
बस अपनी मंजिलों पे है मेरी नज़र
देख मुझको मेरे हमसफ़र

तू मेरे साथ साथ आसमान से आगे चल
तुझे पुकारता है तेरा आने वाला कल
नई है मंजिलें नए हैं रास्ते
नया नया सफ़र है तेरे वास्ते
नई नई है ज़िन्दगी

तू मेरे साथ साथ आसमान से आगे चल
तुझे पुकारता है तेरा आने वाला कल
नई है मंजिलें नए हैं रास्ते
नया नया सफ़र है तेरे वास्ते
नई नई है ज़िन्दगी
.................................
Too mere sath sath aasman se aage chal-Raju ban gaya gentleman 1992
 
 
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