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Friday, 15 July 2011

गुलाई गुलाई गो 1 -इसी का नाम जिंदगी १९९२

वाह वाह क्या बात है, समुद्र किनारे पे फैशन शो हो रहा है. इसके
बाद ये क्या होने लगा ?

आपको अब रंगीन युग से एक गीत सुनवाते हैं इसकी ध्वनियाँ
आपके कान में अवश्य एक न एक बार पड़ी होंगी. इसको आप
डिस्को-आदिवासी नृत्य कह सकते हैं . सुदूर गांव के आदिवासी
एकदम से पढ़ लिख कर, किसी शौपिंग मॉल में घुस कर कपडे
पहन कर, कोई हिंदी फिल्म देख कर, ठंडा-वंडा पी कर यकायक
नाचने लगें तो कैसे लगेंगे इस गीत में देखिये .


नृत्य की ऐसी संकर किस्में आपको हिंदी फिल्मों के अलावा कहाँ
देखने को मिलेंगी भला ? आमिर खान, फरहा और बहुत सारे
सहायक कलाकारों पर इसे फिल्माया गया है. स्वयं संगीतकार
बप्पी लाहिरी इसे गा रहे हैं और उनके साथ गा रही हैं गायिका-
अलका याग्निक. अजीब से कपडे पहने नायक नायिका जिस
संगीतमय कसरत को कर रहे हैं उसमें दिमाग खपाने के बजाये
उसका आनंद लेने कि ज़रूरत है.




गीत के बोल:

गुलाई गुलाई गो,
हाँ गुलाई गो

गुलाई गुलाई गो,
हाँ गुलाई गो
मिले कोई अनजाना
जो लागे जाना पहचाना
तो दिल कहे इसको अपना बनाना
चाहे खुद लुट जाना

गुलाई गुलाई गो, हा हा
हाँ गुलाई गो , हा हा
अरे गुलाई गुलाई गो
हाँ गुलाई गो
मिले कोई अनजाना
जो लागे जाना पहचाना
तो दिल कहे इसको अपना बनाना
चाहे खुद लुट जाना

गुलाई गुलाई गो
हाँ गुलाई गो
अरे गुलाई गुलाई गो
हाँ गुलाई गो

यार गारा दिलदार हो
खुल्लम खुल्ला प्यार हो
यार गारा दिलदार हो
खुल्लम खुल्ला प्यार हो
नज़रों में खेल हुआ
दिलों का मेल हुआ
बाहों में आ जाना
गो गो गो गो गो गो गो
गो गो गो गो गो गो गो
गुलाई गुलाई
गो गो गो गो गो गो गो
गो गो गो गो गो गो गो
गुलाई गुलाई

सच्चा प्यार जो करता है
वो न किसी से डरता है
सच्चा प्यार जो करता है
वो न किसी से डरता है
चाहे कोई रोके टोके, हो हो

....................................
Gulai gulai go-Isi ka naam zindagi 1992

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