यकायक, अचानक, तुरंत फुरंत जब कोई गीत याद आता है
है तो उसे सुनवाने कि इच्छा हो ही जाती है। अभिनेत्री राखी
को आपने अधिकांश चलचित्रों में भारतीय नारी की पोषाक
और वेश भूषा में ही देखा होगा। आज आपको एक ऐसा गीत
सुनवाते हैं जिसमें वे विलायती बाला जैसी नज़र आती हैं।
इन्दीवर के लिखे गीत को गा रही हैं आशा भोंसले और गीत
की तर्ज़ बनाई है कल्याणजी आनंदजी ने।
गीत के बोल :
सजना के सामने मैं तो रहूंगी चुप, चुप
आ हा, सजना के सामने मैं तो रहूंगी चुप
बोल उठी अँखियाँ तो क्या होगा
हाय हाय क्या होगा
बोल उठी अँखियाँ तो क्या होगा
हाय हाय क्या होगा
अंखियों में छ गया नशा भीगा भीगा
अंखियों में छ गया नशा भीगा भीगा
जान गई सखियाँ तो क्या होगा
हाय हाय क्या होगा
जान गई !
ओ रातों को, रातों को ?
आ हा रातों को
रातों को उड़ उड़ के कहती है निंदिया
ऐ री लागेगी कब मेरे माथे पे बिंदिया
मन की अभी तक मन में छुपी है
फ़ैल गई, फ़ैल गई बतियाँ तो क्या होगा
हाय हाय क्या होगा
सजना के
सजना के सामने मैं तो रहूंगी चुप, चुप
हो ओ ऐसी लगी
कैसी लगी ?
हा हा ऐसी लगी
ऐसी लगी आग मेरे सीने में प्रीत की
हाय याद आये घडी घडी अनदेखे मीत की
दिन तो गुज़रूंगी कर कर के बतियाँ
गुजरी ना
गुजरी ना रतियाँ तो क्या होगा
हाय हाय क्या होगा
क्या होगा ?
सजना के सामने मैं तो रहूंगी चुप, चुप
हा चोरी चोरी
चोरी चोरी ?
आ हा चोरी चोरी
चोरी चोरी सपने में आता है कोई
फिर उसके ख्यालों में रहूँ खोयी खोयी
बान के दीवानी लिख दी जो मैंने
पकड़ी गई
पकड़ी गई पतियाँ तो क्या होगा
हाय हाय क्या होगा
सजना के
सजना के सामने मैं तो रहूंगी चुप, चुप
आ हा सजना के सामने मैं तो रहूंगी चुप
बोल उठी अँखियाँ तो क्या होगा
हाय हाय क्या होगा
बोल उठी अँखियाँ तो क्या होगा
हाय हाय क्या होगा
बोल उठी अँखियाँ तो क्या होगा
हाय हाय क्या होगा
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Sajna ke samne main to rahoongi-Paaras 1971
Saturday, 25 June 2011
सजना के सामने मैं तो रहूंगी-पारस १९७१
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