आज एक मकान में सूखते कपड़ों के बीच एक साये(petticoat) को सूखते
देख एक कहावत याद आई-गर्दिश में साया भी साथ छोड़ देता है। उस
कहावत के याद आते आते एक हमसाये की याद भी आई जो अचानक
से गायब हो गया था समय के थपेड़ों में। लोग क्यूँ गायब हो जाते हैं
इसका पुख्ता जवाब मिलना असंभव सा है।
खैर फिल्म हमसाया से एक बेहद लोकप्रिय गीत सुनते हैं आज जिसे
गाया है आशा भोंसले ने। इसे फिल्माया गया है माला सिन्हा और जॉय
मुखर्जी पर। माला सिन्हा पर फिल्माए लता के गाये हिट गीत आपने
बहुतेरे सुने होंगे, ये दुर्लभ सा है। क्यूँ ना हो, फिल्म में संगीत नैयर का
जो है। अब नैयर हैं तो लता के गीत आपको फिल्म में कैसे मिल सकते
हैं भाई ? गीत शेवान रिज़वी साहब ने लिखा है ।
गीत क्या है जनाब आवाज़ और वाद्य यंत्रों की आवाजों का अद्भुत मिश्रण
है और किसी भी आवाज़ की अनुपस्थिति की कल्पना करना असंभव सा
है। गीत की ताल मनमोहक किस्म की है जो दिमाग की सीढियां तुरंत ही
चढ़ जाती है।
गीत के बोल:
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
वो निगाह मुझ पे डालो, कि मैं ज़िंदगी बना लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
मैं तुमसे मांगती हूँ, ज़रा अपना हाथ दे दो
मुझे आज ज़िंदगी की, वो सुहागरात दे दो
जिसे ले के कुछ न मांगूं, और मांग में सजा लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
वो निगाह मुझ पे डालो, कि मैं ज़िंदगी बना लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
मेरी आरज़ू तो देखो, तुम्हें सामने बिठा कर
कभी दिल के पास लाकर, कभी दिलरुबा बना कर
कोई दास्तान सुन लूँ, कोई दास्तां सुना लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
वो निगाह मुझ पे डालो, कि मैं ज़िंदगी बना लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
मैंने प्यार के अलावा कभी तुमसे कुछ ना माँगा
तुम्हें जाने क्या समझ कर मैंने हर कदम पे चाहा
मेरा आज फैसला है तुम्हें हमसफ़र बना लूं
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
वो निगाह मुझ पे डालो, कि मैं ज़िंदगी बना लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
..........................................
Wo haseen dard de do-Humsaya 1968
देख एक कहावत याद आई-गर्दिश में साया भी साथ छोड़ देता है। उस
कहावत के याद आते आते एक हमसाये की याद भी आई जो अचानक
से गायब हो गया था समय के थपेड़ों में। लोग क्यूँ गायब हो जाते हैं
इसका पुख्ता जवाब मिलना असंभव सा है।
खैर फिल्म हमसाया से एक बेहद लोकप्रिय गीत सुनते हैं आज जिसे
गाया है आशा भोंसले ने। इसे फिल्माया गया है माला सिन्हा और जॉय
मुखर्जी पर। माला सिन्हा पर फिल्माए लता के गाये हिट गीत आपने
बहुतेरे सुने होंगे, ये दुर्लभ सा है। क्यूँ ना हो, फिल्म में संगीत नैयर का
जो है। अब नैयर हैं तो लता के गीत आपको फिल्म में कैसे मिल सकते
हैं भाई ? गीत शेवान रिज़वी साहब ने लिखा है ।
गीत क्या है जनाब आवाज़ और वाद्य यंत्रों की आवाजों का अद्भुत मिश्रण
है और किसी भी आवाज़ की अनुपस्थिति की कल्पना करना असंभव सा
है। गीत की ताल मनमोहक किस्म की है जो दिमाग की सीढियां तुरंत ही
चढ़ जाती है।
गीत के बोल:
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
वो निगाह मुझ पे डालो, कि मैं ज़िंदगी बना लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
मैं तुमसे मांगती हूँ, ज़रा अपना हाथ दे दो
मुझे आज ज़िंदगी की, वो सुहागरात दे दो
जिसे ले के कुछ न मांगूं, और मांग में सजा लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
वो निगाह मुझ पे डालो, कि मैं ज़िंदगी बना लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
मेरी आरज़ू तो देखो, तुम्हें सामने बिठा कर
कभी दिल के पास लाकर, कभी दिलरुबा बना कर
कोई दास्तान सुन लूँ, कोई दास्तां सुना लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
वो निगाह मुझ पे डालो, कि मैं ज़िंदगी बना लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
मैंने प्यार के अलावा कभी तुमसे कुछ ना माँगा
तुम्हें जाने क्या समझ कर मैंने हर कदम पे चाहा
मेरा आज फैसला है तुम्हें हमसफ़र बना लूं
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
वो निगाह मुझ पे डालो, कि मैं ज़िंदगी बना लूँ
वो हसीन दर्द दे दो, जिसे मैं गले लगा लूँ
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Wo haseen dard de do-Humsaya 1968
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