एक गीत पेश है जिसने मुझे काफी प्रभावित किया और देव आनंद
के साथ साथ किशोर कुमार को भी ज्यादा पसंद करने की वजहें
बनायीं वो है फिल्म देस परदेस का गीत-ये देस परदेस। देस परदेस
हिंदी फिल्म सिनेमा का एक मील का पत्थर है। संभवतः ये देव आनंद
के निर्देशन वाली अंतिम बड़ी हिट फिल्म थी। इसके बाद आई लूटमार
भी काफी चली मगर इस फिल्म जैसा प्रभाव नहीं जगा पाई।
फिल्म देस परदेस के सभी गीत हिट हुए और आज भी उतने ही चाव से
सुने जाते हैं। रेडियो-अदरक लहसुन भी कई बार इस फिल्म के गीत
बजाते मिल जाते हैं। फ़िल्म के बाकी गीतों में और प्रस्तुत गीत में क्या
फर्क रहा मेरे लिए:देस परदेस के अन्य गीत मैं भी साथ साथ गुनगुनाने की
कोशिश करता और फिल्म के शीर्षक गीत को केवल ध्यान से सुनता। कुछ गीत
केवल तल्लीनता से सुनने में ही आनंद आता और उन गीतों के साथ अपनी
आवाज़ की मिलावट करके कानों पर बोझ डालना मेरे हिसाब से उचित नहीं
है।
गीत के बोल:
ये देस परदेस
हे, खुशियाँ यहीं पे
मिलेंगी हमें रे
सपना है अपना
ये देस परदेस
खुशियाँ यहीं पे
मिलेंगी हमें रे
अपना है अपना
ये देस परदेस
वही पुराने हैं, सारे फसाने,
नया है लेकिन जहाँ
अरे रस्ते नये हैं, ये मन्ज़िल नई है
लेकिन वही आसमाँ
सपना है सपना
अपना है अपना
ये देस परदेस
अकेला नहीं हूँ मैं, तेरे बिना
संग मेरे तेरी याद है
मिलकर खिलें फूल हर रंग के,
बस यही मेरी फरियाद है
सपना है सपना
अपना है अपना
ये देस परदेस
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Ye des pardes-Des Pardes 1978
Thursday, 8 December 2011
ये देस परदेस -देस परदेस १९७८
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