फिल्म दुनिया के कुछ सम्पूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाले कलाकारों
में से एक और अपने समय में युवा पीढ़ी के प्रतिनिधि शम्मी कपूर
इस फानी दुनिया को अलविदा कह गए. काफी समय से बीमारी से
जूझ रहे शम्मी अपने अंतिम समय तक भी जीवन का भरपूर आनंद
उठाते रहे.
उनके नृत्य वाले गीत दर्शकों को ज्यादा पसंद आते हैं. मैं आज प्रस्तुत
कर रहा हूँ एक दर्द भरा गीत जो मुझे उनके ऊपर फिल्माए गए गीतों
में सबसे ज्यादा पसंद है. गीत में बहुत गहरी बात कह दी गयी है.
गीत एस एह बिहारी साहब का है और इसका संगीत तैयार किया है
ओ पी नय्यर ने. आवाज़ रफ़ी कि है और गीत में बज रही सैक्सोफोन
कि ध्वनि मनोहारी सिंह कि साँसों के सहयोग से आ रही है. गीत दिल
को छू लेने वाला है और कुछ हद तक झंझोड़ने वाला भी.
गीत के बोल:
है दुनिया उसी कि ज़माना उसी का
मोहब्बत में जो हो गया हो किसी का
है दुनिया उसी कि ज़माना उसी का
मोहब्बत में जो हो गया हो किसी का
लुटा जो मुसाफिर दिल के सफर में
है जन्नत ये दुनिया उसकी नज़र में
लुटा जो मुसाफिर दिल के सफर में
है जन्नत ये दुनिया उसकी नज़र में
उसी ने है लूटा मज़ा जिंदगी का
मोहब्बत में जो हो गया हो किसी का
है सजदे के काबिल हर वो दीवाना
कि जो बन गया हो तस्वीर-ऐ-जाना
है सजदे के काबिल हर वो दीवाना
कि जो बन गया हो तस्वीर-ऐ-जाना
करो एहतराम उसकी दीवानगी का
मोहब्बत में जो हो गया हो किसी का
बर्बाद होना जिसकी अदा हो
दर्द-ऐ-मोहब्बत जिसकी दवा हो
बर्बाद होना जिसकी अदा हो
दर्द-ऐ-मोहब्बत जिसकी दवा हो
सताएगा क्या गम उसे जिंदगी का
मोहब्बत में जो हो गया हो किसी का
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Hai duniya usi ki-Kashmir ki kali 1964
Wednesday, 17 August 2011
है दुनिया उसी की ज़माना उसी का-काश्मीर की कली १९६१
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