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Wednesday, 6 July 2011

तसवीर तेरी दिल में-माया १९६१

फिल्म माया के गीत में वायलिन की आवाज़ का जिक्र हम कर चुके
हैं अब सुनिए बांसुरी की मनमोहक तान वाला मधुर युगल गीत।
इसे गाया है लता और रफ़ी ने। ये गीत भी ऊंची तान पर जाता
है और इसे गुनगुनाना आसान नहीं है जबकि सुननेवाला असफल
कोशिश ज़रूर करता है। गीत फिल्माया गया है देव आनंद और माला
माला सिन्हा पर। बोल मजरूह के हैं और संगीत सलिल चौधरी का। गीत
बेहद रोमांटिक है और इसकी सादगी के सभी कायल हैं। सरल और
सौम्य तरीके से अपनी भावनाओं का इज़हार कैसे किया जाये इस
गीत से सीखा जा सकता है।



गीत के बोल :

तसवीर तेरी दिल में,
जिस दिन से उतारी है,

तसवीर तेरी दिल में,
जिस दिन से उतारी है,
फिरूँ तुझे संग ले के,
नए-ऩए रंग ले के,
सपनों की महफिल में

तसवीर तेरी दिल में,
जिस दिन से उतारी है,
फिरूँ तुझे संग ले के,
नए-ऩए रंग ले के,
सपनों की महफिल में

तसवीर तेरी दिल में

माथे की बिंदिया तू है सनम,
नैनों का कजरा पिया तेरा ग़म
माथे की बिंदिया तू है सनम,
नैनों का कजरा पिया तेरा ग़म
नैन के नीचे-नीचे, रहूँ तेरे पीछे-पीछे,
चलूँ किसी मंजिल में

तसवीर तेरी दिल में,
जिस दिन से उतारी है,
फिरूँ तुझे संग ले के,
नए-ऩए रंग ले के,
सपनों की महफिल में

तसवीर तेरी दिल में

तुमसे नज़र जब गई है मिल,
जहाँ हैं कदम तेरे वहीं मेरा दिल
तुमसे नज़र जब गई है मिल,
जहाँ हैं कदम तेरे वहीं मेरा दिल
झुकें जहाँ पलकें तेरी, खुलें जहाँ ज़ुल्फें तेरी,
रहूँ उसी मंज़िल में

तसवीर तेरी दिल में,
जिस दिन से उतारी है,
फिरूँ तुझे संग ले के,
नए-ऩए रंग ले के,
सपनों की महफिल में

तसवीर तेरी दिल में

तूफ़ान उठाएगी दुनिया मगर,
रूक ना सकेगा दिल का सफ़र
तूफ़ान उठाएगी दुनिया मगर,
रूक ना सकेगा दिल का सफ़र
यूँ ही नजर मिलती होगी,
यूँ ही शमाँ जलती होगी,
तेरी-मेरी मंजिल में।

तसवीर तेरी दिल में,
जिस दिन से उतारी है,
फिरूँ तुझे संग ले के,
नए-ऩए रंग ले के,
सपनों की महफिल में

तसवीर तेरी दिल में

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Tasveer teri dil mein-Maya 1961

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