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Thursday, 4 August 2011

अंदाज़ मेरा मस्ताना-दिल अपना और प्रीत परायी १९६०

ये शायद मीना कुमारी के ट्रेजेडी क्वीन की छबि वाले युग में प्रवेश करने
के पहले के खुशनुमा गीतों में से एक है. एक ड्रीम सीक्वेंस की तरह सा
ये गीत एक मस्त धुन के दायरे में कैद है. मीना कुमारी के साथ इस दृश्य
में अभिनेता राजकुमार हैं. एक शब्द-तकलीना इस गीत का आकर्षण है.
इसका क्या मतलब है और क्यूँ प्रयोग हुआ है मेरे स्टार पर खोज जारी है.

गीत लिखा है शैलेन्द्र ने जिसे गाया है लता मंगेशकर के साथ महिला कोरस
ने. शंकर जयकिशन ने फिल्म दिल अपना और प्रीत परायी फिल्म का संगीत
तैयार किया है.



गीत के बोल:


अंदाज़ मेरा मस्ताना,
माँगे दिल का नज़राना
ज़रा सोच के आँख मिलाना,
हो जाए न तू दीवाना
के हम भी जवाँ हैं, समा भी जवाँ है
न फिर हम से कहना
मेरा दिल कहाँ है, मेरा दिल कहाँ है

तकलीना

अंदाज़ मेरा मस्ताना,
माँगे दिल का नज़राना
ज़रा सोच के आँख मिलाना,
हो जाए न तू दीवाना
के हम भी जवाँ हैं, समा भी जवाँ है
न फिर हम से कहना
मेरा दिल कहाँ है, मेरा दिल कहाँ है

प्यार की किताब हूँ मैं सच हूँ फिर भी ख़्वाब हूँ मैं
देखकर सुरूर आए, वो अजब शराब हूँ मैं
मैं हूँ जवानी का रंगीं तराना, रंगीं तराना

तकलीना

अंदाज़ मेरा मस्ताना,
माँगे दिल का नज़राना
ज़रा सोच के आँख मिलाना,
हो जाए न तू दीवाना
के हम भी जवाँ हैं, समा भी जवाँ है
न फिर हम से कहना
मेरा दिल कहाँ है, मेरा दिल कहाँ है

तुझको मेरी जुस्तुजू है मुझको तेरी आरज़ू है
मेरे दिल का आईना तू दिल के आईने में तू है
हम से ही रोशन है सारा ज़माना, सारा ज़माना

तकलीना

अंदाज़ मेरा मस्ताना,
माँगे दिल का नज़राना
ज़रा सोच के आँख मिलाना,
हो जाए न तू दीवाना
के हम भी जवाँ हैं, समा भी जवाँ है
न फिर हम से कहना
मेरा दिल कहाँ है, मेरा दिल कहाँ है

मैं किधर हूँ तू कहाँ है ये ज़मीं या आसमाँ है
मेरे तेरे प्यार की ये क्या अजीब दास्ताँ है
मीठा सा ये दर्द भी है सुहाना, दर्द सुहाना

तकलीना

अंदाज़ मेरा मस्ताना,
माँगे दिल का नज़राना
ज़रा सोच के आँख मिलाना,
हो जाए न तू दीवाना
के हम भी जवाँ हैं, समा भी जवाँ है
न फिर हम से कहना
मेरा दिल कहाँ है, मेरा दिल कहाँ है
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Andaz mera mastana-Dil Apna Aur Preet Parayi 1960

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