८० के दशक में डिस्को-खिसको के बाद जो लहर आई वो थी गज़लों की.
शुरुआत गुलाम अली के साथ हुई जिन्होंने फिल्म निकाह के लिए अपनी
एक गज़ल के उपयोग की अनुमति दी. उसी के साथ फिल्म में सलमा आगा
की 'मुंह से न्यूनतम और नाक से अधिकतम निकलती आवाज़' में भी कुछ
ग़ज़लें थीं जो जनता को खूब पसंद आयीं. जनता की पसंद के बारे में कुछ
भी निश्चित नहीं कहा जा सकता है. अभी हाल के कुछ वर्षों में नाक से गाने
वालों की दूकान चल निकली है.
तो बात हम गज़ल की कर रहे थे. गज़ल मीटर और किलोमीटर सभी में
निकल आई. एक के बाद एक गज़ल गायक निकल आये जैसे बरसात में
मेंढक निकल आते हैं. इनमें कुछ नामचीन थे जिन्होंने अपनी छाप सब जगह
छोड़ी तो कुछ ऐसे भी थे जो पानी के धब्बे की तरह धूप निकलने के साथ
गायब होते गए.
इस दौर में जिसने सबसे ज्यादा प्रसिद्धि हासिल की वो थे मयखाना किंग -
पंकज उधास. उनकी बदौलत गज़ल खास महफिलों से निकल कर टेम्पो,
बस, बैलगाडी और ट्रक में भी सुनाई देने लगी. इसकी एक वजह उनकी
गज़लों की गति तेज होना भी रहा. संगीत पक्ष उनकी गज़लों का प्रबल रहा
जिससे जनता को गुनगुनाने में आसानी हो गयी. आम जनता उनको पंकज
उदास कहती. ये एक विडम्बना सरीखी होती क्यूंकि पंकज उधास ने उदास
किस्म की ग़ज़लें नहीं गायीं. वैसे भी आम जनता कई नामों को तोड़ मरोड़
कर ही बोलती है.
प्रस्तुत गीत है फिल्म लाल दुपट्टा मलमल का. फिल्म में टी सीरीज़ का काफी
दखल है. निर्माण में और संगीत में इस ग्रुप का काफी पैसा लगा. ग्रुप की
फैवरेट गायिका अनुराधा पौडवाल की आवाज़ में लगभग सारे गीत हैं. प्रस्तुत
गीत युगल गीत है जिसमें अनुराधा पौडवाल के साथ पंकज उधास की आवाज़ है.
गीत मजरूह सुल्तानपुरी का लिखा हुआ है जो एक बड़ी वजह है फिल्म के गीत
लोकप्रिय होने की. संगीत है आनंद मिलिंद का.
तुमने रख तो ली तस्वीर हमारी
तुमने रख तो ली तस्वीर हमारी
पर ये न हो के जिस तरह मौसम बदलता है
वैसे ही तुमको भी देखूं रंग बदलते हुए
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
तुमने रख तो ली तस्वीर हमारी
तुमने रख तो ली तस्वीर हमारी
पर ये न हो के जिस तरह मौसम बदलता है
वैसे ही तुमको भी देखूं रंग बदलते हुए
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
हमने रख तो ली तस्वीर तुम्हारी
पर यूँ भी है के जिस तरह मौसम बदलता है
तस्वीरों को भी देखा है रंग बदलते हुए
तस्वीरों को भी देखा है रंग बदलते हुए
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आज तो मिल कर शाद रहे काश ये कल भी याद रहे
बात तो जब है जाने-जहाँ ध्यान मेरा मेरे बाद रहे
बन तो बैठें हैं तकदीर हमारी
हमने रख तो ली तस्वीर तुम्हारी
पर यूँ भी है के जिस तरह मौसम बदलता है
तस्वीरों को भी देखा है रंग बदलते हुए
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
तुम जैसे इन राहों में कितने चले और छूट गए
कितने हसीं रोके वादे दिल की तरह से टूट गए
काश न टूटे तस्वीर हमारी
तुमने रख तो ली तस्वीर हमारी
पर ये न हो के जिस तरह मौसम बदलता है
वैसे ही तुमको भी देखूं रंग बदलते हुए
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
हमने रख तो ली तस्वीर तुम्हारी
पर यूँ भी है के जिस तरह मौसम बदलता है
तस्वीरों को भी देखा है रंग बदलते हुए
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
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Tumne Rakh To Li Tasveer Hamari-Lal Dupatta Malmal Ka 1988
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