पुरानी ज़लज़ला से गीत सुन लिया आपने, अब नए ज़लज़ले से मिलवाते
हैं आपको। बहुसितारा और बिलकुल फ्लॉप फिल्म से एक युगल गीत पेश
है किशोर कुमार और कविता कृष्णमूर्ती की आवाजों में।
इस गीत में आपको राजीव कपूर और विजयेता पंडित। तलवार भांजने वाले
चरित्र अभिनेताओं के नाम हैं-पिंचू कपूर और बीरबल। कुछ कोमेडी कुछ
तोड़ी मरोड़ी के मिश्रण वाला ये गीत पचास टका आनंद देता है और पचास
टका बोरियत। गीत इन्दीवर का लिखा हुआ है और धुन है आर डी बर्मन की ।
इन्दीवर की कलम की धार इस गीत में भी बरकरार है-मुलाहिजा फरमाएं
गीत के पहले और दूसरे अंतरे में कविता की आवाज़ वाले हिस्सों पर।
गीत के बोल:
अरे चाकू चले तेरे लिए बाज़ारों में
जंग छिड़े तेरे लिए दो यारों में
तूफ़ान तेरी जवानी
हुस्न है वो बाला
अरे दिलवालों की दुनिया में
आया है है है ज़लज़ला , ज़लज़ला
हो, चाकू चले मेरे लिए बाज़ारों में
जंग छिड़े मेरे लिए दो यारों में
बदकिस्मत इश्क का ये चल निकला सिलसिला
अरे दिलवालों की दुनिया में
आया है है है ज़लज़ला , ज़लज़ला
दुनिया के तीरों से
चलती शमशीरों से
तुझको बचा के मैं लाया
मेरा जिगर देख
दिल देख मेरा तू
कबसे ये दिल तुझपे आया
हो, दुनिया से मुझको बचा लाया
लेकिन मुझे कौन तुझसे कौन बचाएगा
तूने जो कर दी कोई मेहरबानी
जवानी पे दाग लग जायेगा
घर कैसे जाऊंगी
मैं तो मर जाऊंगी
अरे घरवालों की दुनिया में
आएगा आ आ ज़लज़ला, ज़लज़ला
हो, होंठों को बालों को
कानों को गालों को
दूर से देखा करूंगा
प्यार का परमिट मिलेगा ना जब तक
तब तक ना तुझको छुऊँगा
हो मैं भी हसीं
और तू भी जवान जानी
बज जाये कब तेरी घंटी
मुझको छुएगा ना छेड़ेगा तू
इसकी भी क्या है गारंटी
पहले मैं नाम जोडूंगा
फिर इतना प्यार करूंगा
अरे दुनिया की आबादी में
आएगा गा गा ज़लज़ला, ज़लज़ला
अरे चाकू चले मेरे लिए बाज़ारों में
जंग छिड़े मेरे लिए दो यारों में
अरे तूफ़ान तेरी जवानी
हुस्न है वो बाला
अरे दिलवालों की दुनिया में
आया है है है ज़लज़ला , ज़लज़ला
ज़लज़ला , ज़लज़ला
........................................
Are chaku chale tere liye-Zalzala 1988
Saturday, 6 August 2011
चाकू चले तेरे लिए बाजारों में-ज़लज़ला १९८८
Labels:
1988,
Indeewar,
Kavita Krishnamurthy,
Kishore Kumar,
Rajiv Kapoor,
RD Burman,
Vijeyta Pandit,
Zalzala
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment