फिल्म देवर से आपको दूसरा गीत सुनवा रहे हैं. नायक अपनी फूटी किस्मत को
कोसते हुए कोठे पर जा पहुँचता है. उसने जम कर मदिरा सेवन भी कर रखा है.
अब उस मदिरा की ऐंठन वाले भाव चेहरे पर कैसे आते हैं वो देखिये इस गीत में.
उस ऐंठन में और बल देने का काम कर रहे हैं नर्तकी का नाच गाना.
संगीतकार रोशन बहुमुखी प्रतिभा वाले संगीतकार थे. इस गीत को ही लीजिए जो
एक मुजरा गीत कहा जा सकता है, इसको बिना विडियो देखे आप अंदाजा नहीं लगा
सकते कि फिल्म कि किस सिचुएशन में इस गीत का प्रयोग हुआ होगा. गीत में
संतूर और बांसुरी का सुन्दर प्रयोग हुआ है. बस हारमोनियम की ध्वनि से ही आप
एक क्लू पा सकते हैं कि ये शायद मुजरा गीत है.
गीत बेला बोस नामक अभिनेत्री पर फिल्माया गया है जिन्होंने लगभग इसी प्रकार की
भूमिकाएं ज्यादा कीं फिल्मों में. इसके अलावा वे डाकुओं कि पृष्ठभूमि पर बनी फिल्मों
में दिखाई दीं .
गीत के बोल:
होए रूठे सैंया
हाय, रूठे सैंया हमारे सैंया क्यों रूठे
ना तो हम बेवफ़ा ना तो हम झूठे
रूठे सैंया हमारे सैंया क्यों रूठे
चैन न आया हमें नींद न आई
देते रहे सारी रैन दुहाई
चैन न आया हमें नींद न आई
देते रहे सारी रैन दुहाई
कोई उनकी भी हाय राम
कोई उनकी भी यूँ ही निंदिया लूटे
रूठे सैंया हमारे सैंया क्यों रूठे
रूठे सैंया हमारे सैंया क्यों रूठे
कैसे न तड़पे दिल ये दीवाना
सच ही तो कहता है सारा ज़माना
कैसे न तड़पे दिल ये दीवाना
सच ही तो कहता है सारा ज़माना
लागी छूटे ना चाहे दुनिया छूटे
रूठे सैंया हमारे सैंया क्यों रूठे
रूठे सैंया हमारे सैंया क्यों रूठे
उनको मनाया हर एक अदा से
हाय मगर तौबा उनकी बला से
उनको मनाया हर एक अदा से
हाय मगर तौबा उनकी बला से
वो ना माने
वो ना माने हाय राम
वो ना माने किसी का चाहे दिल टूटे
रूठे सैंया हमारे सैंया क्यों रूठे
ना तो हम बेवफ़ा ना तो हम झूठे
रूठे सैंया हमारे सैंया क्यों रूठे
रूठे सैंया हमारे सैंया क्यों रूठे
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Roothe saiyan hamare saiyan-Devar 1966
Friday, 5 August 2011
रूठे सैयां हमारे सैयां-देवर १९६६
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