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Saturday, 13 August 2011

बहारों की बारात आ गई-यकीन १९६९

फिल्म यकीन से एक गाना तो झट जुबान पे आ जाता है वो है फिल्म

का शीर्षक गीत। इतना भी याद आता है कि इस फिल्म में धर्मेन्द्र और

शर्मिला टैगोर हैं। इनकी जोड़ी भी कुछ ही फिल्मों में देखी होगी आपने।

३ फ़िल्में तो मुझे याद आती है-अनुपमा, चुपके चुपके और देवर। देवर

में थोड़ा अलग सा किस्सा था।



हिंदी फिल्म के नायक/हीरो अगर सामान्य पृठभूमि वाले होंगे तो भी उनके

पास गज़ब का सामान होता है। इस फिल्म के हीरो के पास एक शानदार

कार है। अब कार शानदार हो या ना हो, इससे विशेष फर्क नहीं पढता जब

नायिका ज्यादा आकर्षण का केंद्र हो बनिस्बत फिल्म में दिख रहे बाकी के

सामानों के। अब आप ये मत पूछ लीजियेगा कि गाने कि शुरुआत में नायिका

काली साडी पहने हुए है और नायक की कार के शीशे में वो सफ़ेद साडी पहने

दिखाई देती है.



एक बात ज़रूर कार चलने वालों से कहना चाहूँगा-अगर इतना स्टीयरिंग आप

गलती से भी न घुमाएँ किसी पुल पर चलते समय, अन्यथा आपके गाने के

अंतरे नाले या नदी में सुनाई देंगे. या तो फ़िल्मी कार का स्टीयरिंग खराब है,

या फिर उसमें विशेष प्रावधान किया हुआ है, या फिर कार एक जगह पर खड़ी

है और पुल पीछे सरक रहा है.



एक बात में तो सामान्य जीवन और फिल्म कम से कम एक सरीखी

लगते हैं-कार का टायर पंचर होना। गौरतलब है कि टायर पंचर होने

के बाद बदलने वाली कसरत में जिसको पसीना कम निकलता हो वो

भी पसीने से लथ-पथ हो जाता है, उस स्तिथि में नायक का उसी जोश

के साथ गीत गाना और मुस्कुराना अतिश्योक्ति सी लगती है। खैर गीत

सुनिए जो हसरत जयपुरी का लिखा हुआ है और इसकी धुन बनाई है

शंकर जयकिशन ने। मोहम्मद रफी ने इसे गाया है जो कि धर्मेन्द्र के

पसंदीदा गायक रहे हैं।







गीत के बोल:





बहारों की बारात आ गई

ख़ुशी को ले के साथ आ गई

सुनो तो मेरे दिल सुनो तो मेरी जान

होठों पे दिल कि बात आ गई



बहारों की बारात आ गई

ख़ुशी को ले के साथ आ गई

सुनो तो मेरे दिल सुनो तो मेरी जान

होठों पे दिल की बात आ गई



बहारों की बारात



मुझसे देखो ना शरमाना तुम

मेरी बाहों में खो जाना तुम

मुझसे देखो ना शरमाना तुम

मेरी बाहों में खो जाना तुम

इंतजारी की हद हो चुकी

और ज्यादा ना तरसना तुम

और ज्यादा ना तरसना तुम



बहारों की बारात आ गई

ख़ुशी को ले के साथ आ गई

सुनो तो मेरे दिल सुनो तो मेरी जान

होठों पे दिल की बात आ गई



बहारों की बारात



आज छेड़ी हवाओं ने भी

प्यार की मस्त शहनाईयां

आज छेड़ी हवाओं ने भी

प्यार की मस्त शहनाईयां

वादियाँ बन गयीं हैं दुल्हन

जैसे उनकी हों परछाईयाँ

जैसे उनकी हों परछाईयाँ



बहारों की बारात आ गई

ख़ुशी को ले के साथ आ गई

सुनो तो मेरे दिल सुनो तो मेरी जान

होठों पे दिल की बात आ गई



बहारों की बारात

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Baharon ki baraat-Yakeen 1969

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