आपको सुनवाते हैं पतंग फिल्म से एक युगल गीत जो मुकेश और लता का गाया हुआ
है. इसके बोल लिखे हैं राजेंद्र कृष्ण ने और संगीत तैयार किया है चित्रगुप्त ने.
सन १९६० की फिल्म पतंग में राजेंद्र कुमार और माला सिन्हा क्रमशः नायक नायिका
हैं.
एक समय था फिल्म देखने वाले ये कहते-राजेंद्र कुमार की फिल्म है इसमें गाने बढ़िया
होंगे. श्वेत श्याम युग की अधिकतर वे फ़िल्में जिनमें राजेंद्र कुमार ने अभिनय किया
मधुर गीतों से भरपूर होती थीं. सत्तर के दशक में ये धारणा थोड़ी बदलना शुरू हुयी.
राजेंद्र कुमार के जुबली कुमार बनने की प्रक्रिया में उनकी फिल्मों के संगीत का भी बड़ा
योगदान रहा है.
श्रेणी बनाने के शौकीनों के लिए सुझाव - इसे शोख नज़र गीत , नाव गीत कहा
जा सकता है.
गीत के बोल:
तेरी शोख नज़र का इशारा
मेरी वीरान रातों का तारा
तेरी शोख नज़र का इशारा
तेरी बाँहों का जब है सहारा
पिया मझधार भी है किनारा
तेरी बाँहों का जब है सहारा
तेरी शोख नज़र का इशारा
मेरी वीरान रातों का तारा
तेरी शोख नज़र का इशारा
निकले हैं राही मस्ती में डूबे
मंजिल का क्या है ,मिले न मिले
निकले हैं राही मस्ती में डूबे
मंजिल का क्या है ,मिले न मिले
तुम साथ हो तो किस्मत पे अपनी
शिकवे कहाँ के कहाँ के गीले
ओ जी हो
तेरी शोख नज़र का इशारा
मेरी वीरान रातों का तारा
तेरी शोख नज़र का इशारा
तेरी बाँहों का जब है सहारा
पिया मझधार भी है किनारा
तेरी बाँहों का जब है सहारा
एक ख्वाब सा है या है कहानी
कुछ है यकीन कुछ यकीन भी नहीं
एक ख्वाब सा है या है कहानी
कुछ है यकीन कुछ यकीन भी नहीं
हम तो ये जानें सच है या सपना
जो तुम नहीं हो तो हम भी नहीं
हो जी हो
तेरी बाँहों का जब है सहारा
पिया मझधार भी है किनारा
तेरी बाँहों का जब है सहारा
तेरी शोख नज़र का इशारा
मेरी वीरान रातों का तारा
तेरी शोख नज़र का इशारा
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Teri shokh nazar ka ishara-Patang 1960
Sunday, 17 July 2011
तेरी शोख नज़र का इशारा-पतंग १९६०
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