ब्लॉग पर नज़र दौडाई तो फिल्म अनाड़ी का एक भी गीत नहीं
दिखा। आज सड़क पर चलते चलते मुझे ये गीत कहीं सुनाई
दिया। सदाबहार युगल गीत जो फिल्माया गया है नूतन और
राज कपूर पर। राज कपूर की फिल्मों में नायिकाओं के रोल
दूसरे निर्देशकों की फिल्मों की तुलना में ज्यादा लम्बे होते। ये
फिल्म हृषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी थी, हो सकता है
की कहानी की मांग और राज कपूर के आग्रह पर नायिका और
चरित्र भूमिका में ललिता पवार की भूमिकाएं बढ़ा दी गई हों।
वैसे इस मामले में श्वेत श्याम का युग रंगीन युग से कहीं बेहतर
था। नारी की छबि और उसके चरित्र परदे पर ज्यादा सशक्त
हुआ करते थे। ये मैं अपनी देखी हुई फिल्मों और अपने अनुभवों
के आधार पर अनुमान लगा रहा हूँ, हो सकता है आपके विचार
मुझसे अलग हों। जो भी हो, नूतन इस फिल्म में भी अपनी
गरिमामयी उपस्थिति से सबको प्रभावित कर गयीं। ये कुछ
अजीब तथ्य है कि आम जनता को राज कपूर की फिल्मों में
नायक नज़र आता और मुझे उन फिल्मों की नायिकाएं।
राज कपूर की फिल्मों की नायिकाओं ने मुझे ज्यादा प्रभावित
किया, अभिनय के मामले में।
गीत शैलेन्द्र का लिखा हुआ है और शंकर जयकिशन की धुन पर
इसे गाया है मुकेश और लता मंगेशकर ने।
गीत के बोल:
दिल की नज़र से, नज़रों की दिल से
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है
कोई हमें बता दे
धीरे से उठकर, होठों पे आया
ये गीता कैसा, ये राज़ क्या है
कोई हमें बता दे
दिल की नज़र से, नज़रों की दिल से
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है
कोई हमें बता दे
दिल की नज़र से
क्यों बेखबर, यूँ खिंची सी चली जा रही मैं
ये कौनसे बन्धनों में बंधी जा रही मैं
क्यों बेखबर, यूँ खिंची सी चली जा रही मैं
ये कौनसे बन्धनों में बंधी जा रही मैं
कुछ खो रहा है, कुछ मिल रहा है
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है
कोई हमें बता दे
दिल की नज़र से
हम खो चले, चाँद है या कोई जादूगर है
या, मदभरी, ये तुम्हारी नज़र का असर है
हम खो चले, चाँद है या कोई जादूगर है
या, मदभरी, ये तुम्हारी नज़र का असर है
सब कुछ हमारा, अब है तुम्हारा
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है
कोई हमें बता दे,
दिल की नज़र से
आकाश में, हो रहें हैं ये कैसे इशारे
क्या, देखकर, आज हैं इतने खुश चाँद-तारे
आकाश में, हो रहें हैं ये कैसे इशारे
क्या, देखकर, आज हैं इतने खुश चाँद-तारे
क्यों तुम पराये, दिल में समाये
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है
कोई हमें बता दे
दिल की नज़र से, नज़रों की दिल से
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है
कोई हमें बता दे
धीरे से उठकर, होठों पे आया
ये गीता कैसा, ये राज़ क्या है
कोई हमें बता दे
दिल की नज़र से
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Dil ki nazar se-Anadi 1958
Thursday, 9 June 2011
दिल की नज़र से-अनाड़ी १९५८
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