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Wednesday, 8 June 2011

जानेमन चुपके चुपके २ -मुस्कान २००३

आइये नए दौर की तरफ एक बार फिर से चलें। सन १९७१ से
आपको लिए चलते हैं सन २००३ में। गीत है फिल्म मुस्कान से।
इस फिल्म का एक गीत आपको सुनवा चुके हैं पहले। उसी गीत
का महिला संस्करण सुनिए। फिल्म में अफताब शिवदासानी और
ग्रेसी सिंह मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस गीत को गाया है गायिका
अलका याग्निक ने ।

इसके संगीतकार हैं निखिल-विनय और गीत के बोल लिखे हैं
एक बार फिर से अनजान पुत्र समीर ने। कहते हैं जो किताब आँखों
के बिलकुल पास हो उसके अक्षर दिखाई नहीं देते हैं। हीरो नायिका
के गायन से बेखबर वही गीत अपने walkman पर सुन रहा है जो
नायिका गा रही है। अभी तक उसको ये नहीं मालूम पढ़ा है कि जिसे
वो मन ही मन प्यार करता है वो वही है जो उसके सामने ही नाच कर
गीत गा रही है। निर्देशन का कमाल देखिये जैसे ही नायक का मित्र
walkman की डोरी खींचता है, नायिका का गीत भी ख़त्म हो जाता है।
ऐसे गीत बहुत अच्छे लगते हैं जिसमे नायिका-glad, gladder और
gladdest तीनों डिग्री तक खुश दिखाई दे रही हो।






गीत के बोल:

जानेमन चुपके चुपके, सारी दुनिया से छुपके
उसने ऐसी बात कही दिल मेरा खो गया
न जाने कब प्यार हो गया, सनम इकरार हो गया
न जाने कब प्यार हो गया, सनम इकरार हो गया

वो ना समझे वो ना जाने, कितना उसको चाहूं मैं
वो ना समझे वो ना जाने कितना उसको चाहूं मैं
उसकी चाहत पे हर एक लम्हा अपनी जान लुटाऊँ मैं
नादान है वो तो, अनजान है वो तो
नादान है वो तो, अनजान है वो तो
मैं क्या करूं
महफ़िल से तन्हाई से, ख्वाबों की परछाई से
महफ़िल से तन्हाई से, ख्वाबों की परछाई से
उसने ऐसी बात कही दिल मेरा खो गया
न जाने कब प्यार हो गया, सनम इकरार हो गया
न जाने कब प्यार हो गया, सनम इकरार हो गया

इश्क मोहब्बत को ठुकराया वो कैसा दीवाना है
मेरे दर्द से मेरे गम से अब तक वो बेगाना है
दूरी सहें कैसे कुछ भी कहूं कैसे
दूरी सहें कैसे कुछ भी कहूं कैसे
यार बता

धड़कन से मेरी साँसों से, कसमों से मेरे वादों से
उसने ऐसी बात कही दिल मेरा खो गया
न जाने कब प्यार हो गया, सनम इकरार हो गया
न जाने कब प्यार हो गया, सनम इकरार हो गया

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Jaaneman chupke chupke 2-Muskaan 2003

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