सन ५० के संगीत पर थोड़ी गुफ्तगूँ और हो जाये । सन ५० में आलातरीन
नगमे तैयार किये गये। उस समय बहुत से दिग्गज संगीतकार मौजूद थे
फिल्म संगीत के दृश्य पटल पर। एक थे गुलाम मोहम्मद साहब। इन्होनें
भी कई अविस्मर्णीय धुनें तैयार कीं। नौशाद की तरह इनके भी पसंदीदा
गीतकार थे शकील बदायूनीं । शकील साहब ज़रूर ही बदायूं से आये होंगे
उनके नाम के साथ जगह का नाम जो जुड़ा हुआ है। शकील बदायूनीं ने
भी तकरीबन सभी किस्म के अफसानों पर गीत, ग़ज़ल, शेर, शायरी लिख
डाली अपने पूरे फ़िल्मी करियर में। प्रस्तुत गीत थोड़ा हलके फुल्के मूड
वाला है।
गीत थोड़ा हास्य का सा पुट लिए चालू होता है। नायक मैन्डोलिन बजा
रहा है प्रत्युत्तर में नायिका सितार बजाती है और थोड़ा बजा कर उछलना
कूदना शुरू कर देती है जैसे सितार बिजली से चलने वाला हो और
उसे २२० वोल्ट का झटका लग गया हो।
गीत की उल्लेखनीय पंक्ति है-सबके ज़माने बीते, मेरा ज़माना आया। ये पंक्ति
क्या आपको ऐसा नहीं लगता गीतकार ने मधुबाला के लिए ही लिखी हो। सन
५० के बाद मधुबाला की कई यादगार फ़िल्में आयीं।
गीत के बोल:
ओ जी धीरे धीरे ओ जी हौले हौले
अंगना में आ जा पिया
ओ जी धीरे धीरे ओ जी हौले हौले
अंगना में आ जा पिया
ओ जी धीरे धीरे ओ जी हौले हौले आ
हो ओ ओ, ओ ओ ओ ओ ओ ओ
गीत अनोखे लेकर आई जवानी मोरी
आई जवानी मोरी
सुन ले ना कोई ऐ दिल गाये जा चोरी चोरी
गाये जा चोरी चोरी
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
जब बान में कोयल बोले, सुन मेरा डोले जिया
तो सुन मेरा डोले जिया
ओ जी धीरे धीरे ओ जी हौले हौले
अंगना में आ जा पिया
ओ जी धीरे धीरे ओ जी हौले हौले आ
हो ओ ओ, ओ ओ ओ ओ ओ ओ
रात रंगीली आई, दिन भी सुहाना आया
दिन भी सुहाना आया
सबके ज़माने बीते, मेरा ज़माना आया
मेरा ज़माना आया
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
जब नैनों से दिल हारा, जग मैंने जीत लिया
ओ जग मैंने जीत लिया
ओ जी धीरे धीरे ओ जी हौले हौले
अंगना में आ जा पिया
ओ जी धीरे धीरे ओ जी हौले हौले आ
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O ji dheere dheere o ji haule haule-Pardes 1950
Monday, 20 June 2011
ओ जी धीरे धीरे-परदेस १९५०
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