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Thursday, 16 June 2011

धीरे रे चलो-जौहर महमूद इन गोवा १९६५

आपको कुछ गंभीर से गीत सुना दिए अब एक मस्त गीत सुनवाते हैं।
मुकेश के लोकप्रिय गीतों में से एक और श्वेत श्याम युग से इसे परदे
पर गा रहे हैं ए एस जौहर और उनकी फैवरेट अभिनेत्री सोनिया साहनी
बांकी हिरनिया का किरदार निभा रही हैं। जौहर अच्छे अभिनेता
थे। इस गीत में वो किसी कुशल रोमांटिक नायक जैसे गीत गाने कि
कुशल कवायद कर रहे हैं।




गीत के बोल:

धीरे रे चलो मोरी बांकी हिरनिया
धीरे रे चलो मोरी बांकी हिरनिया
कमर ना लचके हाय सजनिया


धीरे रे चलो मोरी बांकी हिरनिया
धीरे रे चलो मोरी बांकी हिरनिया

तेरी बिखरी जुल्फें देख देख ये
मस्त घटा शरमाई, हो देखो
मस्त घटा शरमाई
तेरा रूप जो देखा झूम झूम ली
बिजली ने ली अंगडाई, हो ली
बिजली ने अंगडाई
काले बाल गोरा रूप
जैसे साये में हो धूप
तुझे देख जिया भरमा ही गया

ओ, धीरे रे चलो मोरी बांकी हिरनिया
धीरे रे चलो मोरी बांकी हिरनिया
कमर ना लचके हाय सजनिया

धीरे रे चलो मोरी बांकी हिरनिया
धीरे रे चलो मोरी बांकी हिरनिया

क्यूँ दिल की राहें छोड़ छोड़ ये
फूल चला कारों पे,
ये फूल चला कारों पे
तेरा पिघले ऐसे रूप के जैसे
मोम हो अंगारों पे जैसे
मोम हो अंगारों पे
तेरा मुखड़ा गुलाबी तेरी चाल शराबी
मुझे राम कसम नशा हो ही गया


ओ, धीरे रे चलो मोरी बांकी हिरनिया
धीरे रे चलो मोरी बांकी हिरनिया
कमर ना लचके हाय सजनिया

धीरे रे चलो मोरी बांकी हिरनिया
धीरे रे चलो मोरी बांकी हिरनिया
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Dheere re chalo-Johar Mehmood in Goa 1965

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