सभी फिल्म निर्देशक जब कोई पीरियड फिल्म या ऐतिहासिक
फिल्म बनाते हैं तो दावा करते हैं की उन्होंने उस समय पर काफी
रिसर्च की। ऐसा ही इस फिल्म के मामले में भी हुआ। उस समय के
माहौल, पहनावे इत्यादि पर भले ही रिसर्च की गई हो, कहीं कहीं
ऐसा महसूस होता है जैसे ये १९८४ का युग का कोई दृश्य १९४२ की
बनी हुई पालिश से पोत के पेश कर दिया गया हो।
विधु विनोद चोपड़ा की फिल्मों का छायांकन बढ़िया होता है। आइये
देखें और सुनें १९४२ एक प्रेम कथा फिल्म से तीसरा गीत जो कुमार सानू
की आवाज़ में है। जावेद अख्तर का लिखा गीत आर डी बर्मन द्वारा
संगीतबद्ध है।
गीत के बोल:
रूठ न जाना तुम से कहूं तो
मैं इन आँखों में जो रहूँ तो
तुम ये जानो या न जानो
तुम ये मानो या न मानो
मेरे जैसा दीवाना तुम पाओगे नहीं
याद करोगे मैं जो न हूँ तो
रूठ न जाना तुम से कहूं तो
मेरी ये दीवानगी कभी न होगी कम
जितने भी चाहे तुम कर लो सितम
मुझसे बोलो या न बोलो
मुझको देखो या न देखो
ये भी माना मुझसे
मिलने आओगे नहीं
सारे सितम हंस के में सहूँ तो
रूठ न जाना तुमसे कहूं तो
प्रेम के दरिया में लहरें हज़ार
लहरों में जो भी डूबा हुवा वोही पार
प्रेम के दरिया में लहरें हज़ार
लहरों में जो भी डूबा हुवा वोही पार
ऊँची नीची, नीची ऊँची
नीची ऊँची ऊँची नीची
लहरों में तुम देखूं कैसे आओगे नहीं
में इन लहरों मैं जो रहूँ तो
रूठ न जाना तुम से कहूं तो
मैं इन आँखों में जो रहूँ तो
तुम ये जानो या न जानो
तुम ये मानो या न मानो
मेरे जैसा दीवाना तुम पाओगे नहीं
याद करोगे मैं जो न हूँ तो
रूठ न जाना तुम से कहूं तो
मैं इन आँखों में जो रहूँ तो
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Rooth na jaana-1942 a love story
Saturday, 11 June 2011
रूठ न जाना-१९४२ ऐ लव स्टोरी १९९३
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