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Sunday, 16 January 2011

एक दिन तुम-अंखियों के झरोखों से-१९७८

कुछ कुछ टकीला-शकीला के सॉफ्ट म्यूज़िक की याद दिलाता
ये गीत आकर्षक धुन में बंधा हुआ है। युवा प्रेम-आलाप पर बनी
साफ़ सुथरी फिल्म 'अंखियों के झरोखों से' फिल्म से लिया गया
ये गीत आज भी सुनने में कानों को सुकून देता है। नायक सचिन
और रंजीता पर फिल्माए गए इस गीत को लिखा और स्वरबद्ध
किया है रवीन्द्र जैन ने। रवीन्द्र जैन के इस गीत को सुनने के बाद
शायद उनकी versatility पर प्रश्नचिन्ह लगाने वालों को पुनः
विचार अवश्य करना चाहिए। प्रेमी दुनिया से किस कदर बेखबर
हो जाते हैं उसका अनूठा फिल्मांकन किया गया है इस गीत में।



गीत के बोल:



एक दिन तुम बहुत बड़े बनोगे एक दिन
चाँद से चमक उठोगे एक दिन
Will you forget me then?
How I can
Tell me, how I can


एक दिन तुम बहुत बड़े बनोगे एक दिन
चाँद से चमक उठोगे एक दिन
Will you forget me then?
How I can
Tell me, how I कैन

मान लो कहीं की शहजादी
बैठी हो तुम्हारे लिए ऑंखें बिछाए
और उसे जिद हो के वो शादी
किसी से ना करेगी तुम्हारे सिवा
Will you forget me then?

Yes, I can
If only you can

एक दिन ले गया तुम्हें जो कोई अजनबी
गैर की हो गई जो ये ज़िन्दगी
Will you forget me then?

Gentleman, oh no gentleman

सांस सांस में तुम्हारी ख़ुशबू
किस तरह जियूँगा बोलो तुमको भुला के
दिल पे जा के कर चुकी हो जादू
जानती हो पूछती हो फिर भी सता के
Will you forget me then?

Gentleman, I will gentleman

ला ला ला, ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला, ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला
..................................
Ek din-Ankhiyon ke jharokhon se 1978

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