Social Icons

Thursday, 2 December 2010

मैं गरीबों का दिल->आब-ए-हयात १९५५

सरदार मालिक के २-३ गीत हमने कुछ अरसे पहले सुने।
बाद में अधिकतर उनके पुत्र अन्नू मालिक के गीत सुनते
रहे।

सरदार मालिक ने अधिकतर ५० के दशक में काम किया।
१९५५ की एक फिल्म आब-ए-हयात में उनका संगीत है।
फिल्म कुछ यादगार गीतों से भरी पड़ी है। इनमे सबसे
ज्यादा बजने वाला और सुना जानेवाला गीत है हेमंत कुमार
गाया "मैं गरीबों का दिल" । गाने की विशेषता है
भारी आवाज़ वाले हेमंत कुमार के साथ फीमेल कोरस।
महिला कोरस की आवाज़ गाने की खूसूरती को और भी
निखारती है। वैसे तो हिंदी फिल्म संगीत के खजाने में
ऐसे बहुत से गीत हैं जिसमे पुरुष आवाज़ के साथ
जनाना कोरस का प्रयोग किया गया हो। गीत फिल्माया
गया है प्रेमनाथ पर जो खुद भी बुलंद आवाज़ के स्वामी
थे। गीत हसरत जयपुरी का लिखा हुआ है।




गीत के बोल:

आ हा हा हा हा, हा हा हा हा
आ हा हा हा हा, हा हा हा हा

आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ

मैं गरीबों का दिल हूँ वतन की ज़बान
मैं गरीबों का दिल हूँ वतन की ज़बान

बेकसों के लिए प्यार का आसमान
बेकसों के लिए प्यार का आसमान

मैं गरीबों का दिल हूँ वतन की ज़बान
हा हा हा हा आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ

मैं जो गाता चलूँ साथ महफ़िल चले
साथ महफ़िल चले
साथ महफ़िल चले
मैं जो बढ़ता चलूँ साथ मंजिल चले
साथ मंजिल चले
साथ मंजिल चले
मुझे राहें दिखाती चले बिजलियाँ
मुझे राहें दिखाती चले बिजलियाँ

मैं गरीबों का दिल हूँ वतन की ज़बान
मैं गरीबों का दिल हूँ वतन की ज़बान

हुस्न भी देख कर मुझ को हैरान है
देखो हैरान है
देखो हैरान है
इश्क को मुझ से मिलने का अरमान है
देखो अरमान है
देखो अरमान है
अपनी दुनिया का हूँ मैं हसीं नौजवान
अपनी दुनिया का हूँ मैं हसीं नौजवान

मैं गरीबों का दिल हूँ वतन की ज़बान
मैं गरीबों का दिल हूँवतन की ज़बान

कारवां जिन्दगानी कारुकता नहीं
हाँ जी रुकता नहीं
हाँ जी रुकता नहीं
बादशाहों के आगे मैं झुकता नहीं
हाँ जी झुकता नहीं
मैं तो झुकता नहीं
चाँद तारों से आगे मेरा आशियाँ
चाँद तारों से आगे मेरा आशियाँ

मैं गरीबों का दिल हूँ वतन की ज़बान
मैं गरीबों का दिल हूँ वतन की ज़बान

तू गरीबों का दिल है वतन की ज़बान
तू गरीबों का दिल है वतन की ज़बान

बेकसों के लिए प्यार का आसमान
बेकसों के लिए प्यार का आसमान

तू गरीबों का दिल है वतन की ज़बान
तू गरीबों का दिल है वतन की ज़बान

हा हा हा हा आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
..........................
Main gareebon ka dil-Aab-e-Hayat 1955

No comments:

Post a Comment

 
 
www.lyrics2nd.blogspot.com