कहते है जीवन है तो संघर्ष है। संघर्ष किस रूप में होगा
ये कोई नहीं जानता। सभी प्राणियों को किसी न किसी
रूप में जूझना पढता है । आइये एक दास्तान पड़ें एक
कुत्ते की जिसने ऑंखें न होने के बावजूद हिम्मत नहीं
हारी। अरे इंसानों इसी से सबक ले लो तुम।
मौका है एक प्रेरणादायक गीत सुनने का। फिल्म
इम्तिहान से किशोर का गाया गीत सुना जाए आज ।
ये सभी को प्रेरित करता है आगे बढ़ने के लिए।
अंधे कुत्ते की अनोखी कहानी
गीत के बोल:
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चल के मिलेंगे साये बहार के
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
सूरज देख रुक गया है तेरे आगे झुक गया है
जब कभी ऐसे कोई मस्ताना
निकले है अपनी धुन में दीवाना
शाम सुहानी बन जाते हैं दिन इंतज़ार के
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
साथी न कारवां है ये तेरा इम्तिहां है
यूँ ही चला चल दिल के सहारे
करती है मंज़िल तुझको इशारे
देख कहीं कोई रोक नहीं ले तुझको पुकार के
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
नैन आँसू जो लिये हैं ये राहों के दिये हैं
लोगों को उनका सब कुछ दे के
तू तो चला था सपने ही ले के
कोई नहीं तो तेरे अपने हैं सपने ये प्यार के
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
...............................................
Ruk jaana nahin too kahin haar ke-Imtihaan 1974
Subscribe to:
Post Comments (Atom)



No comments:
Post a Comment