अजीब मसला है-फिल्म का नाम है 'रातों का राजा'
और गीत गाया जा रहा है-आना तो सजनी दिन को
आना। १९७० की एक 'ये आई और वो गई' फिल्म से एक
सुनने लायक गीत पेश है। मजरूह के बोल और पंचम
का संगीत है। हीरो हैं २५ फ्लॉप फिल्मों के हीरो
धीरज कुमार। माफ़ कीजियेगा ये नाम मैंने नहीं
रखा उनका, ये तो बहुतों से सुनता आया हूँ। सुना है
उन्होंने एक्टिंग का डिप्लोमा डिग्री वगैरह भी ले रखी
है। अमां यार किस्मत फूटी हो तो डिग्री डिप्लोमा क्या
कर लेंगे। अब आप ही बताइए कि स्विमिंग पूल
में बच्चों का गेंद वाला खेल खेलेंगे तो फिल्म हिट
कहाँ से होगी? स्विमिंग पूल वाले खेल खेलने चाहिए
ना। फिल्म की नायिका कोई वैशाली नाम की मोहतरमा
हैं।
गीत के बोल:
आना तो सजनी दिन को आना
सपनों में आ के सताना ना
हाय,आना तो सजनी दिन को आना
सपनों में आ के सताना ना
अरे, सपनों में आ के सताना ना
दिन को जब गुल खिले
मेरी जान तू मिले
दिन को जब गुल खिले
मेरी जान तू मिले
फिर अदा का खज़ाना
आ के मुझपे लुटाना
पर ये गुज़ारिश सुनती जाना
सपनों में आ के सताना ना
हाय,आना तो सजनी दिन को आना
सपनों में आ के सताना ना
अरे, सपनों में आ के सताना ना
देख ले जालिम
ये तड़पना मेरा
देख ले जालिम
ये तड़पना मेरा
मेरी निंदिया की चोरी
तूने की चकोरी
हाय,मुझे करके दीवाना
सपनों में आ के सताना ना
हाय,आना तो सजनी दिन को आना
सपनों में आ के सताना ना
अरे, सपनों में आ के सताना ना
तेरे जलवे हज़ार
तू है जान-ए-बाहर
तेरे जलवे हज़ार
तू है जान-ए-बाहर
ले के आंचल की छैया
कहियो आ मोरे सैयां
जागूं तो चाहे जो फरमाना
सपनों में आ के सताना ना
हाय,आना तो सजनी दिन को आना
सपनों में आ के सताना ना
अरे, सपनों में आ के सताना ना
Monday, 6 December 2010
आना तो सजनी दिन को आना-रातों का राजा १९७०
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