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Monday, 16 December 2013

सूनी रे सजरिया-नमक हराम १९७३

दो वक्त की रोटी का चक्कर बड़ा बुरा. किया क्या जाए इसके बिना काम
नहीं चलता है. बोलने की बक बक इतनी हो गयी पिछले दिनों कि इधर से
ध्यान न चाहते हुए भी हट गया. हिन्दुस्तान की सरज़मीं पर मौजूद कई
इन्टरनेट कनेक्शन इतने तेज चला करते हैं कि आज एड्रेस टाइप करो,
साईट कल खुलने की गारंटी.

पाठकों से क्षमा याचना सहित अगली प्रस्तुति हाज़िर है. सन १९७३ की फिल्म

 नमक हराम से. हृषिकेश  मुखर्जी निर्देशित इस फिल्म में दो सुपर स्टार मौजूद
हैं। हृषिकेश मुखर्जी क हिसाब से इसे अलग हट के बनी फिल्म कहा जा सकता है.
वो  हलकी फुलकी फिल्मों के लिए ज्यादा पहचाने गए हैं. ये थोड़ी गंभीर किस्म की
फिल्म है . फिल्म के बाकी गेटों के लिहाज़ से प्रस्तुत गीत भी थोडा अलग है.
पुरानी अनेक फिल्मों में आपको मुजरा ज़रूर मिलेगा मानो बिना उसके फिल्म
बनाना असंभव हो. ऐसा ही कुछ मुझे इस फिल्म को देख के महसूस हुआ.

बहरहाल जो भी हो गीत सुनिए जो एक महिला युगल गीत है आशा भोंसले और
उषा मंगेशकर का गाया हुआ. आशा कि आवाज़ पर जयश्री टी होंठ हिला रही हैं
दूसरी अभिनेत्री को मैं पहचान नहीं पा रहा हूँ.








गीत के बोल:

सूनी, सूनी रे सजरिया साजन बिन तेरे
सूनी रे सजरिया साजन बिन तेरे
सूनी रे सजरिया साजन बिन तेरे

हो भई मैं बाँवरिया हाय राम
भई मैं बाँवरिया साजन बिन तेरे

सूनी रे सजरिया साजन बिन तेरे
सूनी रे सजरिया साजन बिन तेरे


रिमझिम काहे को बरसे रे बदरा
बह गया धुल के नैनों से कजरा

रिमझिम काहे को
रिमझिम हाँ
रिमझिम काहे को बरसे रे बदरा
बह गया धुल के नैनों से कजरा

अबके बरस सावन से पूछो
छाई क्यूँ बदरिया हाय राम

छाई क्यूँ बदरिया साजन बिन तेरे

सूनी रे सजरिया साजन बिन तेरे
सूनी रे सजरिया साजन बिन ते

लोग न जाने ऐसे जीते हैं कैसे
लोग न जाने ऐसे जीते हैं कैसे
तुमसे बिछड के हम तो मर गए जैसे
लोग न जाने ऐसे
लोग न हाँ हाँ हाँ
लोग न हाँ हाँ हाँ
लोग न जाने ऐसे जीते हैं कैसे
तुमसे बिछड के हम तो मर गए जैसे
ऐसे निगोडी बिरहा की रैना 
बीते न सांवरिया हाय राम
बीते न सांवरिया साजन बिन तेरे

सूनी रे सजरिया साजन बिन तेरे
सूनी रे सजरिया साजन बिन तेरे
सूनी रे सजरिया साजन बिन तेरे

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Sooni re sajariya-Namak Haram 1973
 

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