आज इच्छा हुई कि फिल्म पायल की झंकार(१९६८) से आपको गायक
किशोर कुमार का गाया गीत सुनवाया जाये, मगर पहले सुनवाते हैं
एक उत्तम कोटि का दर्द भरा गीत, जिसे फिल्माया गया है दक्षिण भारत
की अभिनेत्री ज्योति लक्ष्मी पर। ये कितनी हिंदी फिल्मों में दिखाई दीं मुझे
मालूम नहीं मगर इस फिल्म में वे किशोर कुमार का 'परफेक्ट मैच' हैं।
एक और हिंदी फिल्म है जिसमें वे मौजूद हैं-रानी और जानी (१९७३)
इस गीत में उनके चेहरे के भाव किसी मंजी हुई अभिनेत्री के जैसे चेहरे पर
आते-जाते हैं। इस गीत को देखने से भी प्रभाव पढता है जितना कि इसको
सुनने का। संगीतकार सी रामचंद्र की सक्रियता कुछ कम हुई थी सन १९६०
के बाद। इस गीत में लगभग वही प्रभाव है जो राजेंद्र कृष्ण लिखित और
सी. रामचंद्र द्वारा निर्देशित ५० के दशक के गीतों में आपको मिलता है ।
प्रस्तुत गीत लिखा है कमर जलालाबादी ने। विडम्बना है कि इतना मधुर
गीत भी अनसुना सा रह गया फिल्म के ना चलने की वजह से। इस गीत
को लता मंगेशकर ने गाया है।
गीत के बोल:
तू आये ना आये मगर जाने वाले
आये ना आये मगर जाने वाले
तेरी याद आ आ कर रुलाया करेगी,
रुलाया करेगी
जो देखेगी रोता है कोई अकेला
देखेगी रोता है कोई अकेला
तो खुद भी वो आंसू बहाया करेगी,
बहाया करेगी
तू आये ना आये
जिधर से गया तू ये राहें हमेशा
तरसती रहेंगी तेरी वापसी को
उधार से हवा भी जो आया करेगी
उधार से हवा भी जो आया करेगी
तेरा नाम लेकर सताया करेगी
तू आये ना आये
जो रातों को तारे ये पूछेंगे मुझसे
बता तू भी क्यों रात भर जागती है
कहूँगी मेरी नींद बस में नहीं है
कहूँगी मेरी नींद बस में नहीं है
ये बिरहन बहाने बनाया करेगी
तू आये ना आये
जहान मेरी आँखों का पानी गिरेगा
तेरी याद के फूल खिलते रहेंगे
सवेरे-सवेरे जो आएगी शबनम
सवेरे-सवेरे जो आएगी शबनम
तो दिल थाम कर लौट जाया करेगी
तू आये ना आये
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Too aaye na aaye-Payal Ki Jhankar 1968
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