वर्ष १९७९ में येसुदास की आवाज़ हिंदी सिनेमा संगीत क्षेत्र में जितनी गूंजी
उतनी किसी और गायक की नहीं. अगला गीत सुनवाते हैं आपको फिल्म
सावन को आने दो से. इस सुपरहिट फिल्म से दो गीत आप पहले सुन चुके
हैं.
इस बार नायिका वही हैं-ज़रीना वहाब लेकिन नायक बदल गए हैं और वो हैं
अरुण गोविल. इस गीत को लिखा है इन्दीवर ने और इसकी धुन बनायीं है
संगीतकार राजकमल ने.
गीत के बोल:
तुझे देख कर जग वाले पर
तुझे देख कर जग वाले पर यकीन नहीं क्यूँ कर होगा
तुझे देख कर जग वाले पर यकीन नहीं क्यूँ कर होगा
जिसकी रचना इतनी सुन्दर वो कितना सुन्दर होगा
वो कितना सुन्दर होगा
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
तुझे देखने को मैं क्या हर दर्पण तरसा करता है
तुझे देखने को मैं क्या हर दर्पण तरसा करता है
ज्यों तुलसी के बिरवा को हर आंगन तरसा करता है
हर आंगन तरसा करता है
अंग अंग तेरा रस की गंगा, हो हो हो हो हो
अंग अंग तेरा रस की गंगा रूप का वो सागर होगा
जिसकी रचना इतनी सुन्दर वो कितना सुन्दर होगा
वो कितना सुन्दर होगा
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
राग रंग रस का संगम आधार तू प्रेम कहानी का
राग रंग रस का संगम आधार तू प्रेम कहानी का
मेरे प्यासे मन में यूँ उतरी ज्यूं रेत में झरना पानी का
ज्यूं रेत में झरना पानी का
अपना रूप दिखाने को
अपना रूप दिखाने को तेरे रूप में खुद ईश्वर होगा
जिसकी रचना इतनी सुन्दर वो कितना सुन्दर होगा
वो कितना सुन्दर होगा
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Tujhe dekh kar jag wale par-Sawan ko aane do 1979
Wednesday, 20 July 2011
तुझे देख कर जग वाले पर -सावन को आने दो १९७९
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