जी एस कोहली एक गुणी संगीतकार थे. वे ओ पी नय्यर के सहायक
भी रहे. उनके संगीत में कहीं कहीं ओ पी नय्यर के संगीत की छाप
सुनाई पढ़ती. इस गीत में मगर आप पाएंगे कि शैली कल्याणजी आनंदजी
की शैली के नज़दीक है. घंटियों की टुनटुनाहट के साथ गीत शुरू होता है.
बतौर स्वतंत्र संगीत निर्देशक उन्होंने कई फिल्मों में संगीत दिया. नमस्ते जी
फिल्म भी एक है जिनमें उनके संगीतबद्ध गीत हैं. महमूद और अमिता पर
फिल्माए गए इस युगल गीत को लिखा अनजान ने, गाया है मुकेश और
लता मंगेशकर ने.
नायिका अमिता कुछ अच्छी 'ऐ' ग्रेड फ़िल्में करने के बाद 'बी' ग्रेड फिल्मों
में दिखाई देने लगीं और धीमे धीमे फ़िल्मी दुनिया से गायब सी हो गयीं.
फिल्म नमस्ते जी को भी बी या सी ग्रेड फिल्मों में गिना जाता है. फिल्म का
ये सबसे लोकप्रिय गीत है जो यहाँ प्रस्तुत है.
गीत के बोल:
बहारों थाम लो अब दिल मेरा महबूब आता है
हो शरारत कर न नाज़ुक दिल शरम से डूब जाता है
बहारों थाम लो अब दिल
क़हर अंदाज़ हैं तेरे, क़यामत हैं तेरी बातें
हो ओ ओ ओ
हो मेरी तो जान ले लेंगी ये बातें ये मुलाक़ातें
मुलाक़ातें
सनम शरमाए जब ऐसे मज़ा कुछ और आता है
हो शरारत कर न नाज़ुक दिल शरम से डूब जाता है
बहारों थाम लो अब दिल
लबों पर ये हँसी क़ातिल ग़ज़ब जादू निगाहों में
हो ओ ओ ओ
हो क़सम तुझको मोहब्बत की मचल न ऐसे राहों में
ऐसे राहों में
मचल जाता है दिल जब रू-ब-रू दिलदार आता है
हो शरारत कर न नाज़ुक दिल शरम से डूब जाता है
बहारों थाम लो अब दिल
..............................................
Baharon tham lo ab dil-Namaste ji 1965
Sunday, 17 July 2011
बहारों थाम लो अब दिल-नमस्ते जी १९६५
Labels:
1965,
Amita,
Anjaan,
GS Kohli,
Lata Mangeshkar,
Mehmood,
Namaste ji
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment