Social Icons

Sunday, 19 June 2011

अभी अभी थी दुश्मनी-ज़ख़्मी १९७५

एक मनोरंजक और नटखट गीत देखते हैं। आखिर
बहुत दिन हो गये हैं हमें ऐसा गीत सुने। फिर हमें
सौम्यता का स्वर्ण पदक भी तो नहीं प्राप्त करना है
ब्लॉग पुरस्कारों में।

जवानी के दौर में जब आप किसी लड़की की ऊँगली मुंह
में डालते हैं तो दिल के अन्दर से व्ह्यऊँ व्ह्यऊँ ट्यून ट्यून
की ध्वनियाँ निकलने लगती है। गीत की शुरुआत में इसे
बड़े ही अनोखे अंदाज़ में दिखाया गया है। जो भी पाठक
जवानी के दौर में हैं या गुज़र चुके हैं उन्होंने इसे ज़रूर
महसूस किया होगा। युवा रीना राय और राजेश रोशन पर
फिल्माया गया ये गीत लता मंगेशकर का गाया हुआ
है, इसे लिखा गौहर कानपुरी ने और संगीत से संवारा
है बप्पी लहरी ने।






गीत के बोल:

अभी अभी थी दुश्मनी अभी है दोस्ती
दिल विल मेरी मंजिल नहीं
चली रे
अभी अभी थी दुश्मनी अभी है दोस्ती
दिल विल मेरी मंजिल नहीं
चली रे

हा, छोड़ ना

गोरी गोरी बाहों को अरे अरे छोडो जी
देखो इन अदाओं से नाता नहीं जोड़ो जी
गोरी गोरी बाहों को अरे अरे छोडो जी
देखो इन अदाओं से नाता नहीं जोड़ो जी
इसके आगे प्यार है, प्यार बेकार है

अभी अभी थी दुश्मनी अभी है दोस्ती
दिल विल मेरी मंजिल नहीं
चली रे

ऐसे ही अकेले में प्यार किया जाता है
कसम खायी जाती है वादा किया जाता है, हा
ऐसे ही अकेले में प्यार किया जाता है
कसम खायी जाती है वादा किया जाता है
बाद में फिर शादी है, शादी में बर्बादी है


अभी अभी थी दुश्मनी अभी है दोस्ती
दिल विल मेरी मंजिल नहीं
चली रे
ला ला ला ला ला ला ला ला ला
चली रे
..................................
Abhi abhi thi dushmani-Zakhmi 1975

No comments:

Post a Comment

 
 
www.lyrics2nd.blogspot.com