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Sunday, 15 May 2011

मुस्कुराती हुई एक हुस्न की तस्वीर-दामन और आग १९७३

कुछ शब्दों का साथ ऐसा लगता है-made for each other,
जैसे 'साबुन और झाग'। शब्दों के ऐसे युग्मों का प्रयोग फिल्म
के नाम ईजाद करने में अक्सर किया जाता है।

आइये आपको बिना समय गंवाए एक गीत सुनाया जाये।
इस मधुर युगल गीत को गाया है रफ़ी के साथ आशा भोंसले ने।
शंकर जयकिशन के संगीत के बावजूद इस फिल्म ने कोई
करिश्मा नहीं किया जिससे इसके निर्माता निर्देशक की लागत
और मेहनत वसूल हो। गीत में जो कलाकार दिखलाई पढ़ रहे हैं
उनके नाम इस प्रकार से हैं, नायक:संजय खान, नायिका:सायरा बानो।



गीत के बोल:

मुस्कुराती हुई एक हुस्न की तस्वीर हो तुम
मुस्कुराती हुई एक हुस्न की तस्वीर हो तुम
कल जो देखा था उसी ख्वाब की ताबीर हो तुम

ऐसा लगता है मेरे प्यार की तकदीर हो तुम
ऐसा लगता है मेरे प्यार की तकदीर हो तुम
कल जो देखा था उसी ख्वाब की ताबीर हो तुम

मुस्कुराती हुई एक हुस्न की तस्वीर हो तुम

मेरा सपना हुआ पूरा जो मुलाक़ात हुयी
प्यार से प्यार मिला प्यार की कुछ बात हुयी
मेरा सपना हुआ पूरा जो मुलाक़ात हुयी
प्यार से प्यार मिला प्यार की कुछ बात हुयी
जिसको पाया है दुआ ने वोही तासीर हो तुम
जिसको पाया है दुआ ने वोही तासीर हो तुम

कल जो देखा था उसी ख्वाब की ताबीर हो तुम
ऐसा लगता है मेरे प्यार की तकदीर हो तुम

मेरे साथी मुझे जीने का सहारा तो मिला
मेरी भटकी हुयी नैया को किनारा तो मिला
मेरे साथी मुझे जीने का सहारा तो मिला
मेरी भटकी हुयी नैया को किनारा तो मिला
जो मेरे हाथ पे लिखी है वो तहरीर हो तुम
जो मेरे हाथ पे लिखी है वो तहरीर हो तुम

कल जो देखा था उसी ख्वाब की ताबीर हो तुम

मुस्कुराती हुई एक हुस्न की तस्वीर हो तुम
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Muskurati huyi ek husn ki-Daman aur aag 1973

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