कोलगेट स्माइल प्लीज़। निर्देशक ने नायक को शायद यही निर्देश
दिया होगा इस गीत के फिल्मांकन की शुरुआत में। पिछले गीत
में कल्याणजी आनंदजी के जिक्र से ये गीत याद आ गया। सन १९७८
की फिल्म दो मुसाफिर से ये युगल गीत लिया गया है। शशि कपूर
और रेखा पर फिल्माए गाये इस गीत में लता और रफ़ी की आवाजें हैं।
थोड़ा धीमा और कर्णप्रिय गीत है ये। ये उस दौर का गीत है जब अभिनेत्री
रेखा ने योग करना शुरू नहीं किया था। खड़े तो नायक नायिका हैं समुद्र
के किनारे और गीत में जिक्र नदी का है। इतने सुन्दर गीत में इतना तो
नज़र अंदाज़ किया ही जा सकता है, है ना ?
गीत लिखा है एम् जी हशमत ने । फिल्म का शीर्षक गीत है ये और फिल्म
में २-३ बार सुनाई देता है।
गीत के बोल:
हम हैं प्यार की , प्यार की ,
डगर के दो मुसाफिर
डगर के दो मुसाफिर
हम हैं प्यार की डगर के दो मुसाफिर
हो संग संग रहने का वादा हमारा
वादा हमारा लो वादा हमारा
हम हैं प्यार की, प्यार की,
डगर के दो मुसाफिर
डगर के दो मुसाफिर
जैसे नदिया का गहरा पानी
बन के बादल अम्बर चूमे
जैसे अपने प्यार की धुन
धरती सुने सागर सुने
प्यार ही ईश्वर प्यार ही पूजा
प्यार ही ईश्वर प्यार ही पूजा
प्यार से बढ़ के ना कोई
हम हैं प्यार की, प्यार की,
डगर के दो मुसाफिर
डगर के दो मुसाफिर
जैसे तन और मन का संगम
सांसों का संगीत सुनाये
ऐसे अपने प्यार की सरगम'
जनम जनम से ये दोहराए
हर प्रेमी में बसे थे हम तुम
हर प्रेमी में बसे थे हम तुम
और ना दूजा कोई
हम हैं प्यार की, प्यार की,
डगर के दो मुसाफिर
डगर के दो मुसाफिर
हो संग संग रहने का वादा हमारा
वादा हमारा लो वादा हमारा
हम हैं प्यार की डगर के दो मुसाफिर
डगर के दो मुसाफिर
डगर के दो मुसाफिर
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Hum hain pyar ki dagar ke-Do musafir 1978
Monday, 16 May 2011
हम हैं प्यार की डगर के- दो मुसाफिर १९७८
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