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Sunday, 9 January 2011

कुछ हम भी दीवाने हैं-नया अंदाज़ १९५६

क़व्वाली हम अक्सर पक्के कव्वालों की आवाज़ में सुनना ही
पसंद करते हैं। फ़िल्मी कलाकारों ने भी कव्वालियाँ गाई हैं ।
आज आपको सुनवाते हैं एक कम सुनी हुई कव्वाली जो फिल्म
नया अंदाज़ से ली गाई है। इसे परदे पर और परदे के पीछे दोनों
जगह किशोर कुमार गा रहे हैं




गीत के बोल:

अपना तो ज़माने में बस इतना फ़साना है
अपना तो ज़माने में बस इतना फ़साना है
इतना ही फ़साना है
बस इतना फ़साना है

कुछ हम भी दीवाने हैं
कुछ दिल भी दीवाना है

कुछ हम भी दीवाने हैं
कुछ दिल भी दीवाना है

हमसे तो कोई पूछे वो मस्त नज़र क्या है
हमसे तो कोई पूछे वो मस्त नज़र क्या है
वो मस्त नज़र क्या है
वो मस्त नज़र क्या है

जीने का सहारा है मरने का बहाना है
जीने का सहारा है मरने का बहाना है
मरने का बहाना है
मरने का बहाना है

कुछ हम भी दीवाने हैं
कुछ दिल भी दीवाना है

भूले से कभी हमने कातिल ना कहा उनको
भूले से कभी हमने कातिल ना कहा उनको
कातिल ना कहा उनको

दिल जिनकी अदाओं का खामोश निशाना है
दिल जिनकी अदाओं का खामोश निशाना है
खामोश निशाना है
खामोश निशाना है

कुछ हम भी दीवाने हैं
कुछ दिल भी दीवाना है

ये राज़ है उल्फत का
दुनिया इसे क्या जाने
ये राज़ है उल्फत का
दुनिया इसे क्या जाने
ये राज़ है उल्फत का
दुनिया इसे क्या जाने
दुनिया इसे क्या जाने

नज़रों का चूर्ण ही नज़रों का मिलाना है
नज़रों का चूर्ण ही नज़रों का मिलाना है
नज़रों का मिलाना है
नज़रों का मिलाना है

कुछ हम भी दीवाने हैं
कुछ दिल भी दीवाना है

इन शोख हसीनों पर हम और लुटायें क्या
इन शोख हसीनों पर हम और लुटायें क्या
हम और लुटायें क्या

कुछ पास नहीं अपने एक दिल का खज़ाना है
कुछ पास नहीं अपने एक दिल का खज़ाना है
एक दिल का खज़ाना है
एक दिल का खज़ाना है

कुछ हम भी दीवाने हैं
कुछ दिल भी दीवाना है

मंजिल है कहना ऐ दिल हम इश्क का मारों की
मंजिल है कहना ऐ दिल हम इश्क का मारों की
हम इश्क का मारों की

हम जा के जहाँ बैठें वो अपना ठिकाना है
हम जा के जहाँ बैठें वो अपना ठिकाना है
वो अपना ठिकाना है
वो अपना ठिकाना है

कुछ हम भी दीवाने हैं
कुछ दिल भी दीवाना है

कुछ हम भी दीवाने हैं
कुछ दिल भी दीवाना है
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Kuchh ham bhi deewane hain-Naya Andaz 1956

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