मुकेश की आवाज़ में एक गीत सुनिए जिसे ना जाने कितनी
बार सुना होगा मैंने। इस दर्द भरे गीत का आकाशवाणी से
विशेष नाता रहा है और इसे लगभग सभी गीतों के कार्यक्रम
में नियमित रूप से बजाय जाता रहा। पिछले गीत से मुझे ये
गीत याद आया। भारत भूषण इस गीत में भी आपको दिखाई देंगे
बस फर्क गायक की आवाज़ का हो गया है। पिछला गीत रफ़ी की
आवाज़ में था। ऐतिहासिक और पौराणिक फिल्मों के लिए अभिनेता
भारत भूषण भी एक पसंद हुआ करते थे फिल्म निर्माताओं की। गीत
लिखा है कविवर भारत व्यास ने और धुन है एस एन त्रिपाठी की।
गीत के बोल:
लौट के आ, लौट के आ
लौट के आ , लौ के आ
आ लौट के आ जा मेरे मीत
आ लौट के आ जा मेरे मीत
तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
आ लौट के आ जा मेरे मीत
तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
मेरा सूना पड़ा रे संगीत
मेरा सूना पड़ा रे संगीत
तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
आ लौट के आ जा मेरे मीत
तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
आ लौट के आ जा मेरे मीत
बरसे गगन मेरे बरसे नयन
देखो तरसे है मन अब तो आ जा
बरसे गगन मेरे बरसे नयन
देखो तरसे है मन अब तो आ जा
शीतल पवन लगाये अगन
ओ सजन अब तो मुखड़ा दिखा जा
शीतल पवन लगाये अगन
ओ सजन अब तो मुखड़ा दिखा जा
तूने भाली रे निभाई प्रीत
तूने भाली रे निभाई प्रीत
तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
आ लौट के आ जा मेरे मीत
एक पल है हँसना एक पल है रोना
कैसा है जीवन का खेला
एक पल है हँसना एक पल है रोना
कैसा है जीवन का खेला
एक पल है मिलना एक पल बिछड़ना
दुनिया है दो दिन का मेला
ये घडी ना जाए बीत
ये घडी ना जाए बीत
तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
आ लौट के आ जा मेरे मीत
तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
मेरा सूना पड़ा रे संगीत
मेरा सूना पड़ा रे संगीत
तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
आ लौट के आ जा मेरे मीत
Tuesday, 11 January 2011
आ लौट के आ जा मेरे मीत-रानी रूपमती १९५९
Labels:
1959,
Bharat Bhushan,
Bharat Vyas,
Mukesh,
Nirupa Roy,
Rani Roopmati,
SN Tripathi
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment