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Thursday, 9 December 2010

हर हसीं चीज़ का मैं तलबगार-सौदागर १९७४

संगीतकार रवीन्द्र जैन के हिंदी फिल्म संगीत क्षेत्र में
पदार्पण वाली फिल्म सौदागर(१९७३) से एक गीत और
सुनिए।

अभी हमने कुछ पोस्ट पहले पत्ते वाली चड्डी का जिक्र
किया था। हिंदी फिल्मों का हीरो भी पहना करता है
इसको। अमिताभ को पहले आप पट्टे वाली चड्डी
पहने देखेंगे फिर लुंगी पहने। निर्देशक ने छोटी छोटी
बातों का भी ध्यान रखा है। इतना ज्यादा रखा है कि
बच्चे के पास पहुँचते पहुँचते चड्डी की डिज़ाइन ही
बदल गई।

गुड बनाने का सामान इकठ्ठा किया जा रहा है
कह्जूर का पेड़ से। रस को इकठ्ठा करके पकाया
जायेगा। अब गुड बनाने वाला कोई ऐसा वैसा तो
है नहीं, हिंदी फिल्मों का महानायक है सो वो थक
हारने के बावजूद एक गाना गायेगा और वो भी
किशोर कुमार की आवाज़ में। संगीत देने के अलावा
गीत रचना भी रवीन्द्र जैन की है।




गीत के बोल:


हर हसीं चीज़ का मैं तलबगार हूँ
हर हसीं चीज़ का मैं तलबगार हूँ

रस का फूलों का गीतों का बीमार हूँ
रस का फूलों का गीतों का बीमार हूँ

हर हसीं चीज़ का मैं तलबगार हूँ

सारा गाँव मुझे रसिया कहे
सारा गाँव मुझे रसिया कहे
जो भी देखे मन बसिया कहे
हाय रे जो भी देखे मन बसिया कहे

सब की नज़रों का एक मैं ही दीदार हूँ
रस का फूलों का गीतों का बीमार हूँ

हर हसीं चीज़ का मैं तलबगार हूँ

कोई कहे भंवरा मुझे
कोई दीवाना
भेद मेरे मन का मगर
किसी से ना जाना
कोई कहे भंवरा मुझे
कोई दीवाना
भेद मेरे मन का मगर
किसी से ना जाना

रोना मैंने कभी सीखा नहीं
रोना मैंने कभी सीखा नहीं

चखा जीवन में फल फीका नहीं
हाय रे हाय, चखा जीवन में फल फीका नहीं
मैं तो हर मोल देने को तैयार हूँ
रस का फूलों फूलों का, गीतों गीतों का
बीमार हूँ

हर हसीं चीज़ का मैं तलबगार हूँ
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Har Haseen Cheez Ka Main Talabgaar Hoon-Saudagar 1973

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