ऐसे गाने थोड़े रोचक होते हैं जिनमे नायिकाएं उछल कूद के
कुछ ऐलान सा करती हैं। एक गीत आपको सुनवा चुके हैं
फिल्म मैं सुन्दर हूँ से। अब सुनिए एक गीत फिल्म कन्यादान से
जिसमे वाकई बहुत उछल कूद करके नायिका ढिंढोरा पीट
रही है-मिल गए मिल गए आज मेरे सनम। गीत में हास्य का
पुट है और उसे महसूस करने के लिए आपको इसे शुरू से अंत
तक देखना पड़ेगा। नायिका के ज़मीन पर कदम नहीं पड़ रहे हैं
और वो इतनी खुश है की कूद कूद के माउंट एवेरेस्ट पर भी चढ़
जाएगी ऐसा लगता है। ऐसे गीतों के फिल्मांकन के लिए नायिका
आशा पारेख एक उपयुक्त उम्मीदवार थीं।
मैं सुन्दर हूँ फिल्म सन १९७१ में आई थी जबकि कन्यादान
फिल्म सन १९६९ में। क्रम से सुनने के शौकीनों को पहले ७१
का गीत सुनना चाहिए फिर ६९ का गीत। दोनों फिल्मों में संगीत
शंकर जयकिशन का है और दोनों ही गीत लता द्वारा गाये गए हैं।
गीत के बोल :
मिल गए मिल गए आज मेरे सनम
मिल गए मिल गए आज मेरे सनम
आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम
आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम
मिल गए मिल गए आज मेरे सनम
मिल गए मिल गए आज मेरे सनम
आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम
आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम
ऐ नज़रों ज़रा काम इतना करो
ऐ नज़रों ज़रा काम इतना करो
तुम मेरी मांग में आज मोती भरो
तुम मेरी मांग में आज मोती भरो
एक उजाला हुआ ढल गई शाम-ए-ग़म
एक उजाला हुआ ढल गई शाम-ए-ग़म
आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम
मिल गए मिल गए आज मेरे सनम
मिल गए मिल गए आज मेरे सनम
आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम
आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम
वो कहाँ छुप रहे थे मैं हैरान थी
वो कहाँ छुप रहे थे मैं हैरान थी
मेरी सदियों से उनसे ही पहचान थी
मेरी सदियों से उनसे ही पहचान थी
ऐसे किस्से ज़माने में होते हैं कम
ऐसे किस्से ज़माने में होते हैं कम
आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम
मिल गए मिल गए आज मेरे सनम
मिल गए मिल गए आज मेरे सनम
आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम
आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम
उम्र भर की तड़प को करार आ गया
उम्र भर की तड़प को करार आ गया
उनसे ऑंखें मिलीं मुझको प्यार आ गया
उनसे ऑंखें मिलीं मुझको प्यार आ गया
याद करती रही मैं उनको दम-बदम
याद करती रही मैं उनको दम-बदम
आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम
मिल गए मिल गए आज मेरे सनम
मिल गए मिल गए आज मेरे सनम
आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम
आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम
..................................
Mil gaye mil gaye aaj mere sanam-Kanyadan 1969
Friday, 17 December 2010
मिल गए मिल गए आज मेरे सनम-कन्यादान १९६९
Labels:
1969,
Asha Parekh,
Hasrat Jaipuri,
Kanyadan,
Lata Mangeshkar,
Shankar Jaikishan
Subscribe to:
Post Comments (Atom)



No comments:
Post a Comment