फिल्म हाफ टिकट जो सन १९६२ की फिल्म है उसने सभी पीढ़ी और आयु वर्ग
के दर्शकों को आनंदित किया और आज भी कर रही है। किशोर कुमार गज़ब के
कलाकार थे। उन्हें संपूर्ण कलाकार यूँ ही नहीं बोला जाता है। कल ही किसी चैनल
के विज्ञापन पर देखा कि किशोर की फ़िल्में दिखलाई जाने वाली हैं। उनकी फिल्मों
का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार रहता है।
फिल्म में किशोर कुमार के साथ मधुबाला हैं। खलनायक के रोल में हैं प्राण जिनका
काम पूरी फिल्म में नायक का पीछा करना है। उसी पीछा करो अभियान के तहत
नायक और खलनायक एक थिएटर के मंच पर पहुँच जाते हैं। बचा ले मुझे की गुहार
लगाता नायक नर्तकी से मदद के लिए कह रहा है और पूरी नाच मण्डली नायक को
बचाने में सहयोग करने लगती है। किशोर कुमार और लता मंगेशकर का गाया ये
युगल गीत देखने और सुनने दोनों में आनंद देता है। नर्तकी की भूमिका में हैं हेलन।
सलिल चौधरी ने अपने मूड और पसंद के मुताबिक एक विलायती ख़ुशबू वाली देसी
धुन तैयार की है। उन्हें फ्यूज़न बहुत पसंद था और जटिल स्वर लहरियों की रचना
उनकी आदत सा बन चुका था। गीत के बोल शैलेन्द्र कि लेखनी से निकले हैं।
गीत के बोल:
ता रा रा रा रा रा रा रा ता रा रा रा रा
आ हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
आ हा हा हा हा हा हा
वो मेरे पीछे हाथ धो के पड़ा है
बचल ले मुझे बचा ले मुझे
वो मेरे पीछे हाथ धो के पड़ा है
बचल ले मुझे बचा ले मुझे
वो इक निगाह क्या मिली तबीयतें मचल गयीं
वो इक निगाह क्या मिली तबीयतें मचल गयीं
ज़रा वो मुस्कुरा दिए शमाएँ जैसे जल गयीं
ज़रा वो मुस्कुरा दिए शमाएँ जैसे जल गयीं
वो इक निगाह क्या मिली तबीयतें मचल गयीं
वो इक निगाह क्या मिली तबीयतें मचल गयीं
आ हा हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा
हे हे हे हे हे हे
हा हा हा हा हा हा
कबसे दिल को इस घडी का इंतजार था
शाम सहर मेरा प्यार बेक़रार था
कबसे दिल को इस घडी का इंतजार था
शाम सहर मेरा प्यार बेक़रार था,
हे हे, सितारा वो चमक उठा तो किस्मतें बदल गयीं
सितारा वो चमक उठा तो किस्मतें बदल गयीं
वो इक निगाह क्या मिली तबीयतें मचल गयीं
वो इक निगाह क्या मिली तबीयतें मचल गयीं
मीता मीठा लाइलाज एक दर्द था
क्या बताऊँ दिल को मेरे कैसा मर्ज़ था
मीता मीठा ला-इलाज़ एक दर्द था
क्या बताऊँ दिल को मेरे कैसा मर्ज़ था
हे हे, मरीज-ए-इश्क जी सकेंगे हालतें संभल गयीं
मरीज-ए-इश्क इसपे जी सकेंगे हालतें संभल गयीं
वो इक निगाह क्या मिली तबीयतें मचल गयीं
वो इक निगाह क्या मिली तबीयतें मचल गयीं
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा हा
he हा हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा
जी फिरा के यार में कैसी बेकसी
कैसे पास आयें राह सूझती ना थी
जी फिरा के यार में कैसी बेकसी
कैसे पास आयें राह सूझती ना थी
तेरा हज़ार शुक्रिया मुसीबतें वो ताल गयीं
तेरा हज़ार शुक्रिया मुसीबतें वो ताल गयीं
वो इक निगाह क्या मिली तबीयतें मचल गयीं
वो इक निगाह क्या मिली तबीयतें मचल गयीं
ज़रा वो मुस्कुरा दिए शमाएँ जैसे जल गयीं
ज़रा वो मुस्कुरा दिए शमाएँ जैसे जल गयीं
वो इक निगाह क्या मिली तबीयतें मचल गयीं
वो इक निगाह क्या मिली तबीयतें मचल गयीं
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Wo ek nigah-Half Ticket 1962
Thursday 27 October 2011
वो एक निगाह क्या मिली-हाफ टिकट १९६२
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