चाँद को देख के जनता जनार्दन आहें भरती है। इस गीत में चाँद के आहें
भरने का जिक्र है। चाँद आहें क्यूँ भरेगा ये जानने के लिए सुनें पूरा गीत ।
बहुत खूबसूरत गीत है ये सुनने और देखने में। गीत शुरू होता है माला सिन्हा
के भावपूर्ण चेहरे को दिखाते हुए। आम दर्शक/श्रोता जो शायद राजेंद्र कुमार या
दिलीप कुमार को देखना चाहता है हर रोमांटिक गीत में उसको जोर का झटका
धीरे से लगता है राजकुमार की शक्ल देख के।
कुछ भी हो, गीत एक हिट गीत है और इसमें माला सिन्हा ने जो कमसिन और
अर्ध परिपक्व कन्याओं जैसे भाव चेहरे पर लाये हैं उससे आज की पीढ़ी की
कन्याओं, बालाओं, युवतियों को थोड़ा सबक लेना चाहिए कि शर्माया-वर्माया
कैसे जाये।
गीत में चाँद से आहें भराई हैं आनंद बक्षी साहब से और उन्हें धुन पर तैराया है
संगीतकार बन्धुओं कल्याणजी आनंदजी ने।
गीत के बोल:
चाँद आहें भरेगा
फूल दिल थाम लेंगे
चाँद आहें भरेगा
फूल दिल थाम लेंगे
हुस्न की बात चली तो
सब तेरा नाम लेंगे
ऐसा चेहरा हैं तेरा
जैसे रोशन सवेरा
जिस जगह तू नहीं है
उस जगह है अँधेरा
ऐसा चेहरा हैं तेरा
जैसे रोशन सवेरा
जिस जगह तू नहीं है
उस जगह है अँधेरा
कैसे फिर चैन तुझ बिन
तेरे बदनाम लेंगे
कैसे फिर चैन तुझ बिन
तेरे बदनाम लेंगे
हुस्न की बात चली तो
सब तेरा नाम लेंगे
चाँद आहें भरेगा
आँख नाजुक सी कलियाँ
बात मिसरी की डालियाँ
होंठ गंगा के साहिल जुल्फें
जन्नत की गलियाँ
आँख नाजुक सी कलियाँ
बात मिसरी की डालियाँ
होंठ गंगा के साहिल जुल्फें
जन्नत की गलियाँ
तेरी खातिर फरिश्तें
सर पे इल्जाम लेंगे
तेरी खातिर फरिश्तें
सर पे इल्जाम लेंगे
हुस्न की बात चली तो
सब तेरा नाम लेंगे
चाँद आहें भरेगा
चुप न होगी हवा भी
कुछ कहेगी घटा भी
और मुमकिन है तेरा
जिक्र कर दे खुदा भी
चुप न होगी हवा भी
कुछ कहेगी घटा भी
और मुमकिन है तेरा
जिक्र कर दे खुदा भी
फिर तो पत्थर भी शायद
जफ्त से काम लेंगे
फिर तो पत्थर भी शायद
जफ्त से काम लेंगे
चाँद आहें भरेगा
फूल दिल थाम लेंगे
हुस्न की बात चली तो
सब तेरा नाम लेंगे
चाँद आहें भरेगा
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Chand aahen bharega-Phool bane angaare-1963
Wednesday, 19 October 2011
चाँद आहें भरेगा-फूल बने अंगारे-१९६३
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