फिल्म का शीर्षक कुछ भी रखा जा सकता है। इसमें किसी पेशे
विशेष का जिक्र भी संभव है । ५० के दशक में एक फिल्म आई थी
ट्रोली ड्राईवर । उसमें हुस्न्लाल भगतराम का संगीत है। सन ७० के
दशक में अवतरित हुई ट्रक ड्राईवर। ट्रेक्टर ड्राईवर फिल्म की मुझे
तलाश है।
अधिकतर आड़े टेढ़े नाम वाली फ़िल्में “बी” या “सी” श्रेणी में
रखी जाती हैं । इनमें से अगर गलती से कोई हिट हो गयी तो
भी फिल्म की श्रेणी पर फर्क नहीं पढता। एक बड़ी वजह है इनका
निम्न श्रेणियों में गिना जाना –इनमें नामचीन कलाकारों की कमी
होती. नामचीन कलाकार नहीं होते तो संगीत निर्देशक भी कम
जाने पहचाने होते। गायक ज़रूर “ऐ” श्रेणी वाले मिल जाते इन
फिल्मों के गीतों में। गायक बहुत बड़ी वजह बनते इनके गीतों
की लोकप्रियता में।
प्रस्तुत फिल्म में एक लता का गाया भजन है जिसे नियमित रूप
से भक्ति संगीत के कार्यक्रमों में जगह मिलती। काफी बजा हुआ
गीत है ये। जिन श्रोताओं की ज़ल्दी उठ कर आकाशवाणी के भजन
भक्ति के कार्यक्रम सुनने की आदत है उन्होंने इसे अवश्य कई बार
सुन रखा होगा।
फिल्म में देव कुमार और इन्द्राणी मुखर्जी क्रमशः नायक नायिका हैं ।
उसके अलावा फिल्म का आकर्षण हेलन हैं। इन्द्राणी वही कलाकार
हैं जिन्होंने फिल्म आखिरी खत में नायिका की भूमिका निभाई और
देव आनंद अभिनीत देस परदेस में नायक के बड़े भाई की पत्नी की
भूमिका निभाई है। नायक देव कुमार को आपने अक्सर किसी गुंडे या
पहलवान की भूमिका निभाते ही देखा होगा।
गीत इन्दीवर की कलम से निकला है अतः इसके बोल चुस्त हैं।
संगीत तैयार किया है सोनिक ओमी ने। आवाज़ लता मंगेशकर की
है जिन्होंने सोनिक ओमी के लिए गिने चुने गीत ही गाये हैं। कान्हा से
शिकायत वाले स्वर में ये गीत गाया जा रहा है।
गीत के बोल:
कान्हा रे कान्हा
रे तूने लाखों रास रचाए
फिर काहे तोसे
और किसी का प्यार न देखा जाए
कान्हा रे कान्हा
सूनी जिंदगानी मजबूर है जवानी
कैसे तूफ़ान में ला कर छोड़ा रे
सूनी जिंदगानी मजबूर है जवानी
कैसे तूफ़ान में ला कर छोड़ा रे
प्यार मेरा लूटा संसार मेरा लूटा
टूटा दिल क्यों फिर तूने तोडा रे
छिन गयी प्रीत मेरी देख ली रीत तेरी
श्यामा रे तूने जलते दीप बुझाये
कान्हा रे कान्हा
देनी थी जुदाई तो प्रीत क्यूँ बनाई
तूने कैसी ये की मनमानी रे
देनी थी जुदाई तो प्रीत क्यूँ बनाई
तूने कैसी ये की मनमानी रे
राधा कितना रोई है मीरा खोयी खोयी
तूने नारी की पीर न जानी रे
जब यही काम तेरा कौन ले नाम तेरा
तू प्रेमी कैसा प्रेमियों को तड़पाए
कान्हा रे कान्हा
रे तूने लाखों रास रचाए
फिर काहे तोसे
और किसी का प्यार न देखा जाए
..................................
Kanha re Kanha re toone –Truck Driver 1970
Wednesday, 3 August 2011
कान्हा रे कान्हा-ट्रक ड्राईवर १९७०
Labels:
1970,
Indeewar,
Indrani Mukherji,
Lata Mangeshkar,
Sonik Omi,
Truck Driver
Subscribe to:
Post Comments (Atom)



No comments:
Post a Comment