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Saturday, 6 August 2011

जीवन नैया बहती जाए-ज़लज़ला १९५२

आइये सुनते हैं एक क्लासिक गीत. जो चीज़ें जूनी पुरानी हो जाती
हैं उनको भी क्लासिक कहा जाता है. प्रस्तुत गीत कर्णप्रिय कोरस वाला
गीत है.

अब चूंकि गीत क्लासिक है अतः इसके लिए विवरण की कोई आवश्यकता
नहीं है. फिर भी अगर आप कुछ जाना चाहें इसके बारे में तो पोस्ट के टैग
टटोल लीजियेगा. फिल्म का नाम है ज़लज़ला जो सन १९५२ की फिल्म है.



गीत के बोल:


हई हो हई हई
हई हो हई हई
जीवन नय्या
नय्या बहती जाये
नय्या बहती जाये
हई हो हई हो
हई हो हई हो
हई हो हई हो

ग़म के थपेड़े
थपेड़े सहती जाये
थपेड़े सहती जाये
हई हो हई हो
हई हो हई हो
हई हो हई हो

आयें मुसाफ़िर जायें मुसाफ़िर
दिल का धोखा खायें ए मुसाफ़िर
राह में लूटे जायें मुसाफ़िर
लेकिन नय्या
नय्या बहती जाये
नय्या बहती जाये
हई हो हई हो
हई हो हई हो
हई हो हई हो

जीवन नय्या
नय्या बहती जाये
नय्या बहती जाये
हई हो हई हो
हई हो हई हो
हई हो हई हो

दूर किनारा गहरा पानी
तेज़ भँवर लहरें दीवानी
राग हवाओं
राग हवाओं के तूफ़ानी
लेकिन नय्या
नय्या बहती जाये
नय्या बहती जाये
हई हो हई हो
हई हो हई हो
हई हो हई हो

डूब गये, डूब गये
मौत के हो गहरी अंधियारे
डूब गये
डूब गये सब चाँद सितारे
डूब गये
अंधे हो गये
अंधे हो गये रस्ते सारे
लेकिन नय्या
नय्या बहती जाये
नय्या बहती जाये
हई हो हई हो
हई हो हई हो
हई हो हई हो

मंज़िल मंज़िल बढ़ते जाओ
बढ़ते जाओ बढ़ते जाओ
तूफ़ानों से मत घबराओ
मत घबराओ मत घबराओ
मिल के साथी ज़ोर लगाओ

हई हो हई हो
हई हो हई हो
हई हो हई हो
हई हो हई हो
हई हो हई हो
हई हो हई हो
..............................
Jeevan naiya behti jaaye-Zalzala 1952

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