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Thursday, 7 July 2011

ये काली काली ऑंखें-बाज़ीगर १९९३

फिल्म बाज़ीगर(१९९३) का सबसे लोकप्रिय गीत आपको सुनवाते
हैं आज। फिल्म के ३ गीत आपको पहले सुनवा चुके हैं। ये
चौथा गीत है जिसे देव कोहली ने लिखा है। फिल्म में संगीत
अन्नू मलिक का है। गीत मुख्यतः कुमार सानू की आवाज़
में है जिसमें बीच में अन्नू मलिक ने भी अपनी आवाज़ ठूंसी है।

उल्लेखनीय है कि काली-काली और कजरारी ऑंखें वाले कुछ सबसे
लोकप्रिय गीत जिन अभिनेत्रियों पर फिल्माए गये हैं उनकी ऑंखें
या तो भूरी हैं या बिल्लौरी । उच्कूदो किस्म का नृत्य हो रहा है
गीत पर जिसकी कोरिओग्राफी की है ३ काबिल लोगों ने।




गीत के बोल:

हो ओ ओ ओ ओ, हो ओ ओ ओ ओ
हो हो ओ ओ ओ ओ

ये काली काली आखें
तू रु तू रु रु
ये गोरे गोरे गाल
तू रु रु तू रु रु
ये तीखी तीखी नज़रें
तू रु रु तू रु रु
ये हिरनी जैसी चाल
तू रु रु तू रु रु

ये काली काली आखें
तू रु तू रु रु
ये गोरे गोरे गाल
तू रु रु तू रु रु
ये तीखी तीखी नज़रें
तू रु रु तू रु रु
ये हिरनी जैसी चाल
तू रु रु तू रु रु

देखा जो तुझे जानम
हुआ है बुरा हाल

ये काली काली आखें
तू रु तू रु रु
ये गोरे गोरे गाल
तू रु रु तू रु रु
ये तीखी तीखी नज़रें
तू रु रु तू रु रु
ये हिरनी जैसी चाल
तू रु रु तू रु रु

मैं मिला, तू मिली
ऐ तू मिली, मैं मिला
मैं मिला, तू मिली
तू मिली, मैं मिला
दुनिया जले तो जले
प्यार करेंगे तुझपे मरेंगे
धक् धक् दिल ये करे, हा

उफ़ तेरी दिल्लगी दिल को जलाने लगी
गैरों कि बाहों मैं इठला के जाने लगी
ये तेरी पैरों कि मुझको सताने लगी
छोडो जी छोडो सनम
जिद अपनी छोडो सनम
नाज़ुक ये दिल है मेरा
दिल को ना तोड़ो सनम
दिल को ना तोड़ो सनम

ये लम्बी लम्बी रातें
आ कर ले मुलाकातें
जाने क्यों दिल ये मेरा
तेरा ही होना चाहे
जाने क्यूँ दिल ये मेरा
तेरा ही होना चाहे
गुस्से में लाल ना कर
ये गोरे गोरे गाल

ये काली काली आखें
तू रु तू रु रु
ये गोरे गोरे गाल
तू रु रु तू रु रु
ये तीखी तीखी नज़रें
तू रु रु तू रु रु
ये हिरनी जैसी चाल
तू रु रु तू रु रु

ना तू कर ख़टपट
कर प्यार झट पट
मेरी आजा तू निकट
कटे प्यार का टिकट
ना तू जुल्फें झटक
ना तू पैर पटक
अरे ऐसे ना मटक
दिल गया है भटक

चेहरे पे तेरे सनम
लैला की है शोखियाँ
हीर सी बढ़ के है
आखों की ये मस्तियाँ
जुलिएट की तरह होंटों पे हैं सुर्खियाँ
देख ले खुद को तू
नज़र से मेरी जान-ए-जान

देखी जो तेरी अदा
मैं फिदा हो गया
सीने से लग जा मेरे
जीने का आये मज़ा

ये बिखरी बिखरी जुल्फें
ये झुकी झुकी पलकें
ये गोरी गोरी बाहें
हम क्यूँ ना तुम्हे चाहें
ऐसा तो हमने पहले
देखा नहीं कमाल

ये काली काली आखें
तू रु तू रु रु
ये गोरे गोरे गाल
तू रु रु तू रु रु
ये तीखी तीखी नज़रें
तू रु रु तू रु रु
ये हिरनी जैसी चाल
तू रु रु तू रु रु

देखा जो तुझे जानम
हुआ है बुरा हाल

ये काली काली आखें
तू रु तू रु रु
ये गोरे गोरे गाल
.............................
Ye kaali kaali ankhen-Baazigar 1993

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