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Thursday, 21 July 2011

आप यूँ ही अगर -एक मुसाफिर एक हसीना १९६२

फिल्म के मुसाफिर एक हसीना एक musical extravaganza है
बहुत हसीन किस्म का . सारे गीत लाजवाब हैं. जॉय मुखर्जी और
साधना की जोड़ी वाली फिल्म से एक रोमांटिक गीत पेश है जो
बेहद लोकप्रिय है और एक समय में प्रेमी प्रेमिकाओं के बीच बहुत
लोकप्रिय था क्यूंकि ये एक टूल का काम करता था . टूल किस चीज़
का आप खुद समझ जाएँ. अगर आपने लड़की/लड़का पटाया है तो
आप आसानी से समझेंगे .

गीत राजा मेहँदी अली खान का है और धुन ओ पी नय्यर की. इसके
गायक कलाकारों की आवाजें आप खुद पहचानें.




गीत के बोल:


आप यूँ ही अगर हमसे मिलते रहे
देखिए एक दिन प्यार हो जाएगा
ऐसी बातें न कर ऐ हसीं जादूगर
मेरा दिल तेरी नज़रों में खो जाएगा

पीछे-पीछे मेरे आप आतीं हैं क्यों
पीछे-पीछे मेरे आप आतीं हैं क्यों
मेरी राहों में आँखें बिछाती हैं क्यों
आप आती हैं क्यों

क्या कहूँ आपसे ये भी एक राज़ है
एक दिन इसका इज़हार हो जाएगा

कैसी जादूगरी की अरे जादूगर
कैसी जादूगरी की अरे जादूगर
तेरे चहरे से हटती नहीं ये नज़र
नहीं ये नज़र

ऐसी नज़रों से देखा अगर आपने
शर्म से रँग गुलनार हो जाएगा

मैं मोहब्बत की राहों से अंजान हूँ
मैं मोहब्बत की राहों से अंजान हूँ
क्या करूँ क्या क्या करूँ परेशान हूँ
मैं परेशान हूँ

आपकी ये परेशानियाँ देखकर
मेरा दिल भी परेशान हो जाएगा
.............................
Aap yun hi agar hamse-Ek musafir ek haseena 1962

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