आज आपको 'घटा' पर दो गीत सुनवाता हूँ। दोनों पुराने ज़माने के हैं
हैं। सबसे पहले मेरी पसंद का गीत सुन लीजिये उसके बाद पड़ोसी
की पसंद वाला गीत भी सुनवा दूंगा।
गायिका खुर्शीद का ४० के दशक में बोलबाला था। सधी हुई और मीठी
आवाज़ वाली खुर्शीद के कुछ भक्त मुझे नेट की दुनिया पर मिले और
लगभग वे सभी श्वेत श्याम युग के गीतों के प्रेमी निकले। उनके बारे
में फिर कभी। फिलहाल इस लोकप्रिय गीत का आनंद उठाइए।
गीत में घोड़े पर सवार तानसेन की भूमिका में के. एल. सहगल
नज़र आते हैं जो गीत के अंत में उतर कर नायिका से कुछ कहते हैं।
गीत के बोल:
घटा घनघोर घोर
घटा घनघोर घोर
मोर मचावे शोर
मोरे सजन आजा
आ जा मोरे सजन आ जा
घटा घनघोर घोर
मोर मचावे शोर
मोरे सजन आजा
आ जा मोरे सजन आ जा
एक मौज का नाम जवानी
इक आये इक जाये
एक मौज का नाम जवानी
इक आये इक जाये
मौज में मौज ना ली जिसने वो
फिर काहे पछताये
मौज में मौज ना ली जिसने वो
फिर काहे पछताये
बड़ा दुःख देवे जिया
बड़ा दुःख देवे जिया
माने ना हाय पिया हाय
बड़ा दुःख देवे जिया
माने ना हाय पिया
माने ना हाय पिया
इसे समझा जा
आ जा इसे समझा जा
इसे समझा जा
घटा घनघोर घोर
मोर मचावे शोर
मोरे सजन आजा
आ जा मोरे सजन आ जा
सब लग फिरूँ खोज में तेरे
पिया खोये खोये
सब लग फिरूँ खोज में तेरे
पिया खोये खोये
जो लागी ना जाने मेरी
उनका भला ना होये
जो लागी ना जाने मेरी
उनका भला ना होये
फिरूँ मैं द्वारे द्वारे
फिरूँ मैं द्वारे द्वारे
दो नैनवा के मारे, हाय
फिरूँ मैं द्वारे द्वारे
दो नैनवा के मारे
दो नैनवा के मारे
मुख दिखला जा
आ जा मुख दिखला जा
घटा घनघोर घोर
मोर मचावे शोर
मोरे सजन आजा
आ जा मोरे सजन आ प्रेमी
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Ghata ghanghor ghor-Tansen 1943
Wednesday, 29 June 2011
घटा घनघोर घोर-तानसेन १९४३
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