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Sunday, 17 April 2011

तेरा जलवा जिसने देखा-उजाला १९५९

'यादों की बारात चली है' कल इस ग़ज़ल को सुना मैंने कई दिन बाद।
ये ग़ुलाम अली की गाई एक ग़ज़ल है। इसको सुनकर वाकई यादों
की बारात सी निकलने लग जाती है। प्रस्तुत गीत के याद आने के
पीछे बहुत से कारण हैं-1)अभिनेता राजकुमार, 2) मिटटी के दिए पर
आधारित देसी सारंगी बजता हुआ एक अधेड़ उम्र युवक जो कल मिला
और 3)लगभग कुमकुम जैसी कमनीय काया वाली एक बाला के सड़क
पर गुज़रते हुए दर्शन हो जाना। इसके बाद थोड़ा दिमाग लगाया गया कि
एक गीत है जिसमे तीनों तत्त्व मौजूद हैं। तो साहब पहुँच गए सर खुजाते
हुए मुकाम पर और गीत याद आया सन १९५९ की फिल्म उजाला का जो है
-तेरा जलवा जिसने देखा।

कुमकुम कि स्क्रीन प्रेजेंस पर पहले हम चर्चा कर चुके हैं। उनकी भाव भंगिमाओं
के आगे उनकी समकालीन अभिनेत्रियाँ पानी भरती नज़र आतीं। किसी ने कुमकुम
की तारीफ में लिखा है- हिप्नोटिक डांसर- सही है। इस गीत की वजह से फिल्म हमने
सिनेमा हाल में जा कर २ बार देखी थी ।



गीत के बोल:

तेरा जलवा जिसने देखा वो तेरा हो गया
मैं हो गई किसी की कोई मेरा हो गया
तेरा जलवा जिसने देखा वो तेरा हो गया
मैं हो गई किसी की कोई मेरा हो गया

क्या देखा था तुझमे दिल तेरा हो गया
ये सोचते ही सोचते सवेरा हो गया
क्या देखा था तुझमे दिल तेरा हो गया
ये सोचते ही सोचते सवेरा हो गया

है मुझमे भी ऐसा अनोखा सा जादू
जो देखे वो होता है दिल से बेकाबू
लगे तोसे नैना तो नैना ना लागे
ख्यालों में डूबी हूँ तेरे ओ बाबू
तू आया तो महफ़िल में उजाला हो गया
मैं हो गई किसी की कोई मेरा हो गया

तेरा जलवा जिसने देखा वो तेरा हो गया
मैं हो गई किसी की कोई मेरा हो गया

तेरी एक झलक ने वो हालत बना दी
मेरे तन-बदन में मुहब्बत जगा दी
अभी भूल कर को इधर बहते पानी
किनारे पे रहती हूँ फिर भी मैं प्यासी
अब दिल का क्यूँ करें ग़म गया सो गया
मैं हो गई किसी की कोई मेरा हो गया

तेरा जलवा जिसने देखा वो तेरा हो गया
मैं हो गई किसी की कोई मेरा हो गया

बुलाती हैं तुझको ये आंचल की छैयां
जरा मुस्कुरा दे पडूं तोरे पैयाँ
कसम है तुझे दिल की जाने तमन्ना
तुझे हमने माना है अपना ही सैंया
मैं अकेली वो तेरा ज़माना हो गया
मैं हो गई किसी की कोई मेरा हो गया

तेरा जलवा जिसने देखा वो तेरा हो गया
मैं हो गई किसी की कोई मेरा हो गया
क्या देखा था तुझमे दिल तेरा हो गया
ये सोचते ही सोचते सवेरा हो गया
.................................
Tera Jalwa Jisne Dekha-Ujala 1959

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