३० के दशक से लेकर आज तक बॉलीवुड में बहुत बदलाव हुए
हैं। होलिवुड कि तरह इसको पूर्ण विकसित तो नहीं मगर बेहद
विकासशील कह कर बुलाया जा सकता है। अधोसंरचना का भी
ज़बरदस्त विकास हुआ है। सन ८५ में हमें पहली ३-डी फिल्म
देखने को मिली जिसका नाम था शिवा का इन्साफ। ३-डी फिल्म
शिवा का इन्साफ में जैकी श्रोफ नायक हैं। ३-डी का अर्थ है
त्रियामी ।
दृश्य श्रव्य प्रभाव में क्या फर्क आया-जहाँ सन ३०-४० के दशक
में नायक नायिका एक ही जगह खड़े होकर थोडा बहुत हिल डुल
कर गाते थे वहीँ ८० के दशक में उन्होंने विशेष तकनीक के माध्यम
से हवा में उड़ कर भी गाना शुरू कर दिया।
आज पेश है एक पुरानी फिल्म अनजान का गीत जिसे फिल्माया
गया है अशोक कुमार और देविका रानी पर। अशोक कुमार अपने
ज़माने के एक बड़े स्टार थे। फिल्म 'किस्मत' ने उन्हें सुपर स्टार का
दर्ज़ा दिया था।
गीत एक युगल गीत है और आकर्षक धुन में बंधा हुआ है। इसके
गीतकार हैं पंडित प्रदीप । संगीत दिया है प्रसिद्ध बांसुरी वादक
पन्नालाल घोष ने। इसको गाया भी सितारों ने ही है-अशोक कुमार
और देविका रानी ने। प्रश्नोत्तर वाले गीतों में हिंदी सिनेमा इतिहास
के सबसे पहले गीतों में गिन लीजिये इसको आप।
गीत के बोल:
मेरे जीवन के पथ पर छाई ये कौन
पूनम की चांदनी
कौन
पूनम की चांदनी
मेरे जीवन के पथ पर छाई ये कौन
पूनम की चांदनी
अरे
मधुर मधुर मन भाई
मधुर मधुर मन भाई
ये कौन
नहीं मधुर मधुर मन भाई
पूनम की चांदनी
मेरे जीवन के पथ पर छाई ये कौन
पूनम की चांदनी
धीमे-धीमे मेरी कुटी में
धीमे-धीमे मेरी कुटी में
इठलाती हुई बलखाती हुई
इठलाती हुई बलखाती हुई
चुपचाप कहीं से आई
चुपचाप कहीं से आई
ये कौन
चुपचाप कहीं से आई
पूनम की चांदनी
मेरे जीवन के पथ पर छाई ये कौन
पूनम की चांदनी
कौन पारी ये स्वर्ग से उतारी
कौन पारी ये स्वर्ग से उतारी
बड़ी लाज भरी मेरे आस पास
खेलन लागी रस रंग रास
खेलन लागी रस रंग रास
पल-पल ले कर अंगडाई
पल-पल ले कर अंगडाई
ये कौन
पल-पल ले कर अंगडाई
पूनम की चांदनी
मेरे जीवन के पथ पर छाई ये कौन
पूनम की चांदनी
तुम कौन
पूनम की चांदनी
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Mere jeevan ke path par chhayi-Anjaan 1941
Thursday, 16 December 2010
मेरे जीवन के पथ पर छाई-अनजान १९४१
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