सन १९८३ का ही एक गीत और सुनवाते हैं आपको जो जगह
जगह बजता सुनाई देता था। राज किरण और दीपिका चिखलिया
पर फिल्माए गए इस गीत को गाया है अनजान से गायकों ने।
जैसा हुलिया राजकिरण ने इस गीत में बनाया हुआ है उसकी
नक़ल आज भी देखने को मिल जाएगी। चटक काले कपडे
और सफ़ेद जूते। आज सुबह ही एक नवयुवक को ऐसे गेट-अप
में देखा था।
महेंद्र देहलवी के बोलों को संगीत दिया है राम-लक्ष्मण ने।
गायक हैं बेहरोज़ चटर्जी और उदित नारायण । एक बात
ज़रूर कहना चाहूँगा दीपिका के ऊपर बेहरोज़ की आवाज़
जंचती है क्यूंकि दोनों की आवाज़ में काफी समानता है।
गीत के बोल:
हो ओ ओ , आ आ आ
हो ओ ओ , आ आ आ
दिलवर जानिया अब तो आ जा
ओ दिलवर जानिया अब तो आ जा
इस दिल ने पुकारा है
तू मेरा सहारा है
दिलवर जानिया अब तो आ जा
ओ दिलवर जानिया अब तो आ जा
इस दिल ने पुकारा है
तू मेरा सहारा है
दिलवर जानिया अब तो आ जा
ओ दिलवर जानिया अब तो आ जा
कब तलक मेरी नज़रों को तरसाएगा
दूर कब तक रहेगा बता दे मुझे
हो ओ ओ , आ आ आ आ आ
लब पे जान आ गई और आँखों में दम
एक झलक अपनी आ के दिखा दे मुझे
दिलवर जानिया अब तो आ जा
ओ दिलवर जानिया अब तो आ जा
इस दिल ने पुकारा है
तू मेरा सहारा है
दिलवर जानिया अब तो आ जा
ओ दिलवर जानिया अब तो आ जा
रु रु रु रु रु रु
रु रु रु रु रु रु
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ
मेरे होठों को फिर प्यार के गीत दे
मेरे हाथों में फिर प्यार का साज़ दे
हो ओ ओ , आ आ आ आ आ
ढूंढता फिर रहा हूँ तुझे दर बदर
किस गली में है तू मुझको आवाज़ दे
दिलवर जानिया अब तो आ जा
ओ दिलवर जानिया अब तो आ जा
हो ओ ओ , आ आ आ
हो ओ ओ , आ आ आ
हो ओ ओ , आ आ आ
Saturday, 4 December 2010
दिलवर जानिया अब तो आ जा-सुन मेरी लैला १९८३
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