मदन मोहन और लता मंगेशकर के योगदान से बना एक और
कर्णप्रिय गीत सुनिए। फिल्म मनमौजी का सबसे पॉपुलर गीत
कहा जाए इसे तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। आपने भी इसी गीत को
ज्यादा देखा और सुना होगा। देहाती बाला की वेशभूषा में आप
देखंगे फिल्म अभिनेत्री साधना को। साधना कि भावाभिव्यक्ति
उनकी कई समकालीन अभिनेत्रियों से बेहतर थी। गौर फरमाएं
कि दर्द के भावों को जिस तरह से वो दर्शा रही हैं वो ग्लीसरीन
जनित आंसुओं के रेले को वास्तविकता प्रदान कर रहे हैं।
गीत की ख़ास बात ये है कि संगीत प्रेमी राजेंद्र कृष्ण को याद
कर लेते हैं इसके बहाने। सरल गीतों के मामले में शैलेन्द्र के
साथ साथ राजेंद्र कृष्ण को भी याद करते हैं पुराने गीतों के मुरीद।
गीत के बोल:
मैं तो तुम संग नैन मिला के हार गई सजना
हार गई सजना
मैं तो तुम संग नैन मिला के हार गई सजना
हार गई सजना
क्यों झूठे से प्रीत लगाई
क्यों झूठे से प्रीत लगाई
क्यों छलिये को मीत बनाया
क्यों आंधी में दीप जलाया
मैं तो तुम संग नैन मिला के हार गई सजना
हार गई सजना
सपनें में जो बाग़ लगाये
नींद खुली तो वीराने थे
हम भी कितने दीवाने थे
मैं तो तुम संग नैन मिला के हार गई सजना
हार गई सजना
ना मिलती ये बैरन अँखियाँ
ना मिलती ये बैरन अँखियाँ
चैन ना जाता, दिल भी ना रोता
काश किसी से प्यार ना होता
मैं तो तुम संग नैन मिला के हार गई सजना
हार गई सजना
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Main to tum sang nain mila ke-Manmauji 1962
Thursday, 25 November 2010
मैं तो तुम संग नैन मिला के-मनमौजी १९६२
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