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Sunday, 28 November 2010

चंदा जा चंदा जा रे जा-मनमौजी 1962

भोतई हिट ज़रूरी नहीं के भोतई बढ़िया हो। इसका अच्छा
'एग-जामफल' देते हैं आपको फिल्म मन-मूंजी का एकाउ
गीत से । गीत झकास है और सुनने में भोत मीठा भी मगर
देखिएगा इस गीत का फिनिसिंग तनिक कमजोर सा है।

वो वाला गीत-"मैं तो तुम संग" का फिनिसिंग एकदम टाप
का है। ये शब्द थे एक हमारे ग्रामीण मित्र के जिनका ज्ञान
हिंदी गीतों के मामले में किसी विशेषज्ञ को भी मात देता है।
मैं भी काफी हद तक उनसे सहमत हूँ जहाँ तक इस गीत का
सवाल है । उनकी भाषा से ऐसा लगता है मानो वो दुई-तीन
स्टेट के गाँव में रह चुके हों।

गीत है -चंदा जा चंदा जा रे जा। गीत निस्संदेह सबसे मधुर
गीत है फिल्म का, किन्तु, परन्तु, इसमें कुछ ऐसा फैक्टर
मिसिंग है जो इसको लोकप्रिय बनाता, इस गीत को हालाँकि
मैं ज्यादा सुनता हूँ बजाये फिल्म के दूसरे गीत के। इस गीत का
फिल्मांकन भी आला दर्जे का है, वैसे भी जिन गीतों में चाँद, चंदा
का जिक्र होता है वो सुन्दर बन पड़ते हैं। इस गीत में तो सारंगी
भी बोल रही है कि "चंदा जा "।



गीत के बोल:

ला ला ला ला ला ला
चंदा जा चंदा जा रे
चंदा जा चंदा जा रे

काहे आया है अकेला
तुझे मानूं अलबेला
मेरे पिया को भी संग ले आ

चंदा जा चंदा जा रे
चंदा जा चंदा जा रे

आ तुझको पहचान बता दूं
वो लगता है कैसा
नदिया में मुख देख ले अपना
वो भी होगा वैसा
वो जो आये तो बिंदिया सजा लूं
काली काली ये लट बिखरा लूं
मेरा इतना संदेसा दे आ

चंदा जा चंदा जा रे

काहे आया है अकेला
तुझे मानूं अलबेला
मेरे पिया को भी संग ले आ

चंदा जा चंदा जा रे


देख उसे कहना मेरी निंदिया
हो गई सौतन मेरी
मेरे संग संग बैरन होगी
बात तकत है तेरी
चंदा तू देना गवाही
हम दोनों हैं प्यार के राही
बस इतना तो साथ निभा

चंदा जा चंदा जा रे

काहे आया है अकेला
तुझे मानूं अलबेला
मेरे पिया को भी संग ले आ

चंदा जा चंदा जा रे
चंदा जा चंदा जा रे
...............................
Chanda ja chanda ja re ja-Manmauji 1962

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