आइये एक बार फिर से श्वेत श्याम युग का गीत सुना जाए। ये है फिल्म
नाटक से। नाटक नाम से दो फ़िल्में आई हैं। ये सन १९४७ में रिलीज़ हुई
फिल्म है। गीत गा रही हैं उमा देवी जिसे लिखा शकील बदायूनी ने और
धुन बनाई है नौशाद ने । ये उमा देवी वही हैं जो कई फिल्मों में टुनटुन नाम
से हास्य अभिनय कर चुकी हैं।
गीत के बोल:
दिलवाले दिलवाले
जल-जल कर ही मर जाना
तुम प्रीत न कर पछताना
तुम प्रीत न कर पछताना
दिलवाले दिलवाले
प्रीत की दिल से आग़ उठे
और दोनों तरफ़ लग जाये
प्रीत की दिल से आग़ उठे
और दोनों तरफ़ लग जाये
तन को जलाये मन को जलाये
तन को जलाये मन को जलाये
फिर भी न निकले हाय
फिर भी न निकले हाय
एक शमा हो एक परवाना
तुम प्रीत न कर पछताना
तुम प्रीत न कर पछताना
दिलवाले दिलवाले
रंग-रंगीली दुनिया में हैं
रंग-रंग के धोखे
रंग-रंगीली दुनिया में हैं
रंग-रंग के धोखे
दो दिन की जीवन-माया
इसको ना बिताना रो के
इसको ना बिताना रो के
हँस-हँस कर प्रीत निभाना
तुम प्रीत न कर पछताना
तुम प्रीत न कर पछताना
दिलवाले दिलवाले
जल-जल कर ही मर जाना
तुम प्रीत न कर पछताना
तुम प्रीत न कर पछताना
दिलवाले दिलवाले
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Dilwale dilwale-Natak 1947
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