गायक - जी एम् दुर्रानी
गीतकार-वली साहब
संगीतकार -श्याम सुन्दर
फिल्म -नई कहानी
वर्ष-१९४३
गीत के बोल:
नींद हमारे ख़्वाब तुम्हारे
कितने मीठे कैसे प्यारे
नींद हमारे ख़्वाब तुम्हारे
कितने मीठे कैसे प्यारे
लहरों की
लहरों की गोदी में जैसे
आँख मिचौली खेले तारे
आँख मिचौली खेले तारे
नींद हमारे ख़्वाब तुम्हारे
कितने मीठे कैसे प्यारे
मन दोनों के खिल जाने दो
इक दूजे से मिल जाने दो
मन दोनों के खिल जाने दो
इक दूजे से मिल जाने दो
देखते हैं बेचैन बेचारे
नैन तुम्हारे नीर हमारे
नींद हमारे ख़्वाब तुम्हारे
कितने मीठे कैसे प्यारे
नर्गिस को शरमाते हैं वो
जल में आग लगाते हैं ये
नर्गिस को शरमाते हैं वो
जल में आग लगाते हैं ये
दोनों हैं बदनाम बेचारे
ज़ख़्म हमारे तीर तुम्हारे
नींद हमारे ख़्वाब तुम्हारे
कितने मीठे कैसे प्यारे
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Neend hamari khwab tumhare-Nai Kahani 1943
Monday, 11 July 2011
नींद हमारे ख़्वाब तुम्हारे-नई कहानी १९४३
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