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Wednesday, 27 July 2011

जादू है नशा है-जिस्म २००३

कहते हैं जब नायक-नायिका की केमिस्ट्री ज़बरदस्त हो तो गीत विशेष
बन पढता है। इस गीत की केमिस्ट्री, फिज़िक्स, जूलोजी, बोटनी इत्यादि
सब ज़बरदस्त है। गायिका श्रेया घोषाल का पहला उल्लेखनीय गीत है ये।
संगीतकार एम् एम् क्रीम ने बिलकुल क्रीम सरीखी धुन तैयार की है गीत के
लिए। नायक नायिका को तो बच्चा बच्चा पहचानता है, आपने पहचाना कि
नहीं ?

गीत वर्ष २००३ के सबसे चर्चित गीतों में से एक है। एक बोल्ड विषय पर बनी
फिल्म जिस्म में एक और उल्लेखनीय गीत है जिसे हम बाद में सुनेंगे। जो
हमारे यहाँ बोल्ड विषय कहलाता है वो होलीवुड के लिए सामान्य विषय हुआ
करता है।

तुलना करने वालों का जवाब नहीं-किसी ने बिपाशा के aura को होलिवुड की
अभिनेत्रियों- बो डेरेक, ब्रुक शील्ड और मिशेल फीफर से ज्यादा बता दिया है। '
अब शायद ये लिखने की ज़रूरत नहीं बची की गीत दर्शक को अंत तक बांधे रखने
वाला है। बोल इसलिए लिख दिए हैं क्यूंकि ऐसे गाने देखते वक्त बोलों पर शायद ही किसी
का ध्यान जाता हो !



गीत के बोल:

जादू है नशा है मदहोशियाँ
तुझको भुला के अब जाऊं कहाँ
जादू है नशा है मदहोशियाँ
तुझको भुला के अब जाऊं कहाँ

देखती हैं जिस तरह से तेरी नज़रें मुझे
मैं खुद को छुपाऊँ कहाँ
जादू है नशा है मदहोशियाँ
तुझको भुला के अब जाऊं कहाँ
देखती हैं जिस तरह से तेरी नज़रें मुझे
मैं खुद को छुपाऊँ कहाँ

जादू है नशा है मदहोशियाँ
तुझको भुला के अब जाऊं कहाँ

ये पल है अपना तो इस पल को जी लें
शोलों की तरह ज़रा चल के जी लें
पल झपकते खो न जाना
छू के कर लो यकीन न जाने ये पल पायें कहाँ

जादू है नशा है मदहोशियाँ
तुझको भुला के अब जाऊं कहाँ

बाहों में तेरी यूँ खो गए
अरमान दबे से जगने लगे
जो मिले हो आज हमको दूर जाना नहीं
मिटा दो सारी दूरियां

जादू है नशा है मदहोशियाँ
तुझको भुला के अब जाऊं कहाँ
देखती हैं जिस तरह से तेरी नज़रें मुझे
मैं खुद को छुपाऊँ कहाँ
......................................
Jadu hai Nasha Hai-Jism 2003

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