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Wednesday, 20 July 2011

दिल जंगली कबूतर -कहर १९९७

आपने एक गीत अवश्य ही सुनना चाहा होगा-दिल जंगली कबूतर। आखिर
दिल है क्या ? कोई उसको शीशा बताता है, कोई खाली कमरा, कोई मकान,
कोई खाने पीने की चीज़। मुझे ऐसे गीत की तलाश है जिसमें दिल को
आम का अचार बताया गया हो। सन १९९७ में आये इस गीत के बहुत
से दीवाने देखे मैं। उस समय छोटे छोटे बच्चे इस गीत पर डांस करते
दिखाई देते। ये अपने समय का एक ज़बरदस्त हिट गीत है

लिखें वाले की कल्पना हो सकती है तो भाई पढ़ने सुनने वाले की भी हो
सकती है। दिल माचिस की डिब्बी, दिल गोभी का फूल, दिल हवाई जहाज़
का टायर इत्यादि......

गीत लिखा है आनंद बक्षी ने और धुन बनायीं है आनंद मिलिंद ने. गीत में
उदित नारायण और साधना सरगम की आवाजें हैं. अरमान कोहली और
रम्भा के साथ ढेर सारे कलाकार नाच रहे हैं . ऐसा लगता है जैसे किसी
छोटे गाँव के निवासी सभी इकट्ठे हो गये हैं अपने काम छोड़ कर
नाचने के लिए।




गीत के बोल:

ओये होए ओये होए ओये होए
ओये होए
दिल जंगली कबूतर
ओये होए होए
चुपके से उड़ कर
ओये होए होए
जाने जा बैठे
ओये होए होए
किस छत के ऊपर
ओये होए होए

इसलिए ये पहला काम किया
मैंने दिल जानम के नाम किया

दिल जंगली कबूतर
ओये होए होए
चुपके से उड़ कर
ओये होए होए
जाने जा बैठे
ओये होए होए
किस छत के ऊपर
ओये होए होए

इसलिए ये पहला काम किया
मैंने दिल जानम के नाम किया

हो, दिल जंगली कबूतर
ओये होए होए
हो, दिल जंगली कबूतर
ओये होए होए

यूं आए जवानी यूं जाए जवानी
जैसे बह जाए दरिया का पानी
यूं आए जवानी यूं जाए जवानी
जैसे बह जाए दरिया का पानी
इससे पहले कि मर जाएं
आ यार मेरे कुछ कर जाएं

दिल जंगली कबूतर
ओये होए होए
हो, दिल जंगली कबूतर
ओये होए होए

सौदागर आए जादूगर आए
दुनिया में कितने बाजीगर आये
सौदागर आए जादूगर आए
दुनिया में कितने बाजीगर आये
सब ठीक था लेकिन जब आशिक़ आए
दुनिया में मची हाय हाय

दिल जंगली कबूतर
ओये होए होए
हो, दिल जंगली कबूतर
ओये होए होए

तू कैसा पागल आवारा बादल
तू बन जा मेरे नैनों का काजल
तू कैसा पागल आवारा बादल
तू बन जा मेरे नैनों का काजल
ये दावत मुझे कबूल नहीं
तेरे गजरे का मैं फूल नहीं

दिल जंगली कबूतर
ओये होए होए
हो, दिल जंगली कबूतर
ओये होए होए

इस गली की कुड़ियां जादू की पुड़ियां
चलती हैं दिल पे ये बन के छुरियां
इस गली की कुड़ियां जादू की पुड़ियां
चलती हैं दिल पे ये बन के छुरियां
क्या करें ये जितने मुंडे हैं
सब तेरे जैसे गुंडे हैं

दिल जंगली कबूतर
ओये होए होए
चुपके से उड़ कर
ओये होए होए
जाने जा बैठे
ओये होए होए
किस छत के ऊपर
ओये होए होए

इसलिए ये पहला काम किया
मैंने दिल जानम के नाम किया

दिल जंगली कबूतर
ओये होए होए
हो, दिल जंगली कबूतर
ओये होए होए
................................
Dil jungli kabootar-Qahar 1997

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