आपसे मधुर गीत सुनवाने का वादा है इसलिए कलम(की-बोर्ड)
घिसे जाते हैं। एक फिल्म आई थी सन १९७५ में-जान हाज़िर है
(कमबख्त देखने को नहीं मिली)। इसका EP-रिकॉर्ड ज़रूर देखने
को और सुनने को मिला। फिल्म का नाम है-जान हाज़िर है। फिल्म
में कुछ सुनने लायक गीत हैं। किसी मनोहरनाथ रंगारू साहब का
निर्देशन था और इसके निर्माता थे विजय आनंद। इस फिल्म में
उर्मिला भट्ट, इफ़्तेख़ार के साथ शेखर कपूर और कोमिला विर्क
नाम के कलाकार हैं। ऐसा माना जाता है की शेखर कपूर ने अपना
फ़िल्मी कैरियर इसी फिल्म से शुरू किया था।
प्रस्तुत गीत गाया है दिलराज कौर ने और इसे किसपर फिल्माया
गया है अगर आपको मालूम पड़े तो मुझे भी बताएं। संभव है कि
ये कोमिला विर्क पर फिल्माया गया हो। कोमिला विर्क को वही
पहचान पाएंगे जो हिंदी फिल्मों के पक्के कीड़े हों। यहाँ कीड़ों
से मतलब दिग्गजों से है।
संगीत है जय कुमार परते जी का, जिन्होंने और किस किस फिल्म
में संगीत दिया जानकारी नहीं। गीत शैलेन्द्र पुत्र शैली शैलेन्द्र
का लिखा हुआ है। गीत मधुर है और इसे हम दिलराज कौर के गाये
सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक मान सकते हैं।
गीत के बोल:
सावन आया बादल आये
मेरे पिया नाहीं आये
चल दूं वहां वो है जहाँ
अब तो रहा ना जाए
सावन आया बादल आये
मेरे पिया नाहीं आये
सूनी नदी सूना आंगन
सूना सूना है मेरा मन
सूनी रातें सूने हैं दिन
सूना सूना सारा जीवन
किससे कहूं ये सूनापन
मोसे कहा नाहीं आये
सावन आया बादल आये
मेरे पिया नाहीं आये
खोयी खोयी ऑंखें मेरी
तेरी राहें देखें हर पल
भोला ये मन माने नहीं
लौटे ना वो बीता जो कल
तिल तिल जलूं जैसे दिया
फिर भी बुझा नाहीं जाए
सावन आया बादल आये
मेरे पिया नाहीं आये
मेरे पिया........
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Sawan aaya badal aaye(Dilraj Kaur)-Jaan Hazir Hai 1975
Saturday, 20 November 2010
सावन आया बादल आये-जान हाज़िर है १९७५
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